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सीयू प्रशासन ने शोधकर्ताओं को शोध के लिए बुलाया, विरोध के बाद आदेश किया निरस्त

31 मार्च तक अवकाश की घोषणा

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सीयू प्रशासन ने शोधकर्ताओं को शोध के लिए बुलाया, विरोध के बाद आदेश किया निरस्त

सीयू प्रशासन ने शोधकर्ताओं को शोध के लिए बुलाया, विरोध के बाद आदेश किया निरस्त

बिलासपुर. गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय द्वारा शुक्रवार को शोधकर्ताओं को शोध के लिए विश्वविद्यालय में उपस्थित होने आदेश जारी किया था। आदेश मिलने पर शोध विद्यार्थियों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई तथा आदेश को निरस्त करने की मांग की। मामला गर्म होता देख अधिकारियों ने 31 मार्च तक विवि में छुट्टी करने की घोषणा कर दी। कोरोना वायरस के कारण सभी शैक्षणिक संस्थाओं में 31 मार्च तक अवकाश घोषित किया गया है। वहीं गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय द्वारा शोधकर्ताओं को शोध के लिए विद्या परिषद आदेश जारी कर दिया। इसकी जानकारी शोध के विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के छात्र परिषद के सदस्यों को दी। परिषद के सदस्यों ने तुरंत विवि प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर आला अधिकारियों से मुलाकात की तथा को निरस्त करने की मांग की। छात्र परिषद के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने इस मामले को विश्व मानव अधिकार आयोग तक ले जाने की बात कहीं। इससे मामला गर्म हो गया और प्रशासन ने शोधकर्ताओं को 31 मार्च तक अवकाश प्रदान का आदेश जारी कर दिया। इस अवसर पर गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्र परिषद अध्यक्ष सचिन गुप्ता, उपाध्यक्ष दीपेश साहू, सचिव रेणुका पांडे, सह सचिव प्रकाश माली तथा ब्रदरहुड पैनल से सारनाव जाना, आकाश, निखिल शर्मा, रूपेंद्र आदि छात्र मौजूद थे।बाक्स में....विवि में सेनेटाइजर का कोई इंतजाम नहींकोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए हर छोटी-बड़ी संस्थाएं अपने कर्मचारियों के लिए उचित व्यवस्था बनाई है। वायरस से बचाव के लिए सेनेटाइजर, मास्क आदि का वितरण भी कर रही हैं। वहीं गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय के प्रशासन द्वारा स्टाफ और छात्रों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। मालूम हो कि विवि 5 सौ अधिक शिक्षक-शिक्षिकाएं व स्टाफ कार्यरत है। प्रशासन द्वारा उनके बचाव के लिए कोई भी इंतजाम नहीं किया गया है।