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बच्चों का बढ़ता मोटापा बना चिंता: मिड-डे मील में अब 10% कम होगा खाद्य तेल, स्कूलों में होंगे स्वास्थ्य राजदूत

तेल के उपयोग में कमी को लेकर विशेष कक्षाएं आयोजित होंगी। गृह विज्ञान महाविद्यालयों और स्वास्थ्य संस्थानों से विशेषज्ञ व्याख्यान कराए जाएंगे।

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बच्चों में फास्ट फूड और तेलीय भोजन की बढ़ती खपत से उनका बढ़ता मोटापा चिंता का कारण बन गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मार्च में परीक्षा पे चर्चा और मन की बात कार्यक्रमों में इस पर चिंता जताई थी। अब पीएम पोषण योजना आयुक्तालय ने भी इस पर गंभीर कदम उठाया है।

जारी की एडवाइजरी

पीएम पोषण योजना के तहत संतुलित भोजन उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने एडवाइजरी जारी की है। इसके तहत भोजन में फोर्टिफाइड चावल, गेहूं, मोटे अनाज, दालें और हरी सब्जियां शामिल की जाएंगी। फोर्टिफाइड खाद्य तेल (विटामिन ए और डी युक्त) तथा डबल फोर्टिफाइड नमक का प्रयोग अनिवार्य कर दिया गया है। तेल के उपयोग में कमी को लेकर विशेष कक्षाएं आयोजित होंगी। गृह विज्ञान महाविद्यालयों और स्वास्थ्य संस्थानों से विशेषज्ञ व्याख्यान कराए जाएंगे।

तेल की मात्रा घटाने के निर्देश

राजकीय विद्यालयों में बालवाटिका से कक्षा 8 तक नामांकित विद्यार्थियों को प्रतिदिन पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाता है। पहले प्रति छात्र कक्षा प्री-प्राइमरी से 5 ग्राम और कक्षा 6 से 8 तक 7.5 ग्राम खाद्य तेल उपयोग में लिया जाता था। अब इसमें 10 प्रतिशत की कमी करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इस संबंध में आयुक्त विश्वमोहन शर्मा ने सभी जिला कलक्टरों को पत्र भेजा है।

स्वास्थ्य जागरूकता पर जोर

स्कूलों में स्वास्थ्य राजदूत नियुक्त होंगे। स्वस्थ खानपान पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। छात्रों को व्यायाम और योग की आदत डालने पर जोर दिया जाएगा। शिक्षकों को बच्चों में मोटापे की पहचान करने और अभिभावकों को संतुलित भोजन व गतिविधियों की जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं। छात्रों को घर पर भी कम तेल वाले व्यंजन बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। चिकित्सक, स्वास्थ्य विशेषज्ञ और पोषण विशेषज्ञ सेमिनार व कार्यशालाओं के जरिए जागरूकता फैलाएंगे।