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Rajasthan: रोडवेज बस यात्रियों के लिए खुशखबरी… सर्दियों में अब नहीं ठिठुरेंगे यात्री, बड़े स्तर पर शुरू हुआ अभियान

राजस्थान रोडवेज के बीकानेर आगार डिपो के तहत संचालित बसों में 'मेरी बस मेरी जिम्मेदारी' अभियान का असर दिखने लगा है। यात्रियों को ठंड से बचाने के लिए डिपो ने बड़ी तैयारी की है।

Bikaner bus
बीकानेर केंद्रीय बस स्टैंड पर खड़ी रोडवेज की बसें (फोटो-पत्रिका)

बीकानेर। सर्दियों के आगमन से पहले राजस्थान रोडवेज के बीकानेर आगार डिपो ने बसों की हालत सुधारने के लिए विशेष तैयारी की है। 'मेरी बस, मेरी जिम्मेदारी' अभियान के तहत डिपो की सभी बसों को दुरुस्त किया जा रहा है। हाल ही में बसों की तकनीकी से लेकर फिजिकल फिटनेस तक पूरी जांच की गई, ताकि यात्रियों को ठंड के दिनों में सुरक्षित और आरामदायक सफर मिल सके।

इंजन से लेकर इलेक्ट्रिकल सिस्टम तक पूरी जांच

अभियान के दौरान परिचालकों और मैकेनिकों की संयुक्त टीम ने कई दिनों तक बसों की नियमित सर्विसिंग, ऑयल चेंज, ग्रीसिंग, ब्रेक सिस्टम की जांच और जरूरी पार्ट रिप्लेसमेंट किए। जिन बसों में खिड़कियों से हवा आने की शिकायत आम थी, उनकी सीलिंग, फिटिंग और लॉकिंग सिस्टम को दुरुस्त किया गया। डिपो का उद्देश्य है कि सर्दियों में बसों के भीतर गर्माहट बनी रहे और यात्री ठिठुरन से बच सकें।

सफर हुआ बेहतर

अभियान में सीटिंग अरेंजमेंट पर भी खास ध्यान दिया गया। टूटी सीटें बदली गईं और कई बसों में सीट कुशन की मरम्मत कर आरामदायक किया गया। रोडवेज प्रशासन का कहना है कि बसों की बाहरी-भीतरी सफाई को भी प्राथमिकता दी गई है, ताकि यात्री स्वच्छ माहौल में यात्रा कर सकें।

यात्री बोले- 'अब सफर सच में आरामदायक'

यात्री प्रेमप्रकाश और शहबाज ने बताया कि लंबे समय बाद बसों की मेनटेनेंस पर इतना ध्यान दिया गया है। अंशुमन का कहना था कि सर्दियों से पहले बसों की यह तैयारी रोडवेज के प्रति भरोसा बढ़ाती है। उम्मीद है कि यह सुधार भविष्य में भी जारी रहेगा।

एक नजर में रोडवेज बेड़े की स्थिति

  • कुल बसें (बीकानेर आगार): 88
  • आगार की बसें: 59
  • अनुबंधित बसें: 29

इतनी बसों की कराई मरम्मत

  • 32 बस- मॉडल 2020
  • 05 बस- मॉडल 2024
  • 05 बस- मॉडल 2025
  • 11 बस- पुराने मॉडल

इस बार पहले से तैयारी

हर साल सर्दियों में यात्रियों की तरफ से खिड़कियों की हवा और खराब सीलिंग की शिकायतें आती थीं। इस बार हमने पहले से तैयारी करते हुए अभियान चलाया है ताकि किसी यात्री को असुविधा न हो। -इन्द्रा गोदारा, मुख्य प्रबंधक, बीकानेर आगार