
मोतियाबिंद कांड: बीजापुर से आए 9 में 6 मरीजों का विट्रेक्टॉमी ऑपरेशन(photo-patrika
मोतियाबिंद कांड: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिला अस्पताल से मोतियाबिंद ऑपरेशन में इंफेक्शन के बाद आए 9 में से एक मरीज का गुरुवार को कार्निया ट्रांसप्लांट किया गया। कार्निया ट्रांसप्लांट का मतलब है कि इस मरीज की कार्निया में इंफेक्शन फैल गया था। यह सीवियर इंफेक्शन होता है। कार्निया ट्रांसप्लांट नहीं किया जाता तो मरीज की आई बॉल खराब हो जाती। इससे इसे निकालने की जरूरत पड़ जाती।
6 मरीजों का विट्रेक्टॉमी ऑपरेशन किया गया। सभी को इंट्राविट्रियल इंजेक्शन लगाया गया है। आंबेडकर अस्पताल में भर्ती सभी मरीजों का इलाज चल रहा है। पत्रिका ने विशेषज्ञों से बातचीत की तो पता चला कि सीवियर इंफेक्शन से कॉर्निया में सफेदी आ जाती है। ऐसी स्थिति में कॉर्निया ट्रांसप्लांट के अलावा दूसरा विकल्प नहीं होता।
मामले की गंभीरता इसी से पता चलता है कि एक मरीज को कॉर्निया ट्रांसप्लांट करने की जरूरत पड़ गई। नेत्ररोग विभाग की एचओडी डॉ. निधि पांडेय के अनुसार पोस्ट-ऑपरेटिव एंडोफ्थालमाइटिस केस के सभी मरीजों की स्थिति स्थिर है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने नेहरू मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. विवेक चौधरी व आंबेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर को मरीजों का बेहतर इलाज करने के निर्देश दिए हैं।
बीजापुर पहुंची तीन सदस्यीय जांच टीम ने गुरुवार को ओटी की जांच की। टीम में अंधत्व नियंत्रण की स्टेट नोडल अफसर डॉ. निधि अत्रिवाल, जेडी हैेल्थ जगदलपुर डॉ. महेश सांडिया व जिला अस्पताल जगदलपुर की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सरिता थॉमस शामिल हैं। देखा गया कि प्रोटोकॉल के अनुसार ओटी इंस्टाल है या नहीं। सर्जरी में उपयोग किए गए उपकरण स्टरलाइज्ड था कि नहीं, इसकी भी जांच की जाएगी।
ऑपरेशन में व उसके बाद उपयोग किए गए इंजेक्शन, ड्रॉप व टैबलेट को जांच के लिए लैब भेजा गया है। ताकि पता चल सके कि कहीं ये सब स्टैंडर्ड तो नहीं है। जब आंख में सीवियर इंफेक्शन हो तो कॉर्निया में सफेदी आने लगती है। इससे आई बॉल खराब हो सकती है। इसे बचाने के लिए कॉर्निया ट्रांसप्लांट किया जाता है। मवाद को साफ करने के लिए विट्रेक्टॉमी ऑपरेशन किया जाता है।
Updated on:
14 Nov 2025 10:09 am
Published on:
14 Nov 2025 10:08 am
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