
DGP - मध्यप्रदेश के कई वरिष्ठ अधिकारी रिटायर होने की कगार पर हैं। इनमें कई आईएएस और आईपीएस अफसर शामिल हैं। एमपी कैडर के 17 आईपीएस तो इस साल रिटायर होने वाले हैं। इनकी रिटायरमेंट की उम्र 60 साल पूरी होनेवाली है। रिटायर होने की कगार पर खड़े इन आईपीएस अधिकारियों में प्रदेश के डीजीपी कैलाश मकवाना भी हैं। पुलिस विभाग के सर्वोच्च पद के रूप में उनपर प्रदेश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने का बड़ा दायित्व है। खास बात यह है कि राज्य सरकार ने यह अहम जिम्मेदारी संभाल रहे डीजीपी कैलाश मकवाना का कार्यकाल बढ़ा दिया है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार उनके कार्यकाल में एक साल की बढ़ोत्तरी कर दी गई है।
डीजीपी कैलाश मकवाना 1 दिसंबर 2025 को रिटायर होनेवाले थे लेकिन अब वे दिसंबर 2026 तक पद पर बने रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार उन्हें यह लाभ मिला है। राज्य सरकार के गृह विभाग ने आदेश भी जारी कर दिए हैं। इसके अंतर्गत डीजीपी कैलाश मकवाना के 2 साल तक के डीजीपी के कार्यकाल पूरा करने के बाद ही रिटायर होने की राह खुली है।
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के आधार पर गृह विभाग के अपर सचिव आशीष भार्गव ने अहम आदेश जारी किया। इसमें कहा गया है कि आईपीएस कैलाश मकवाना को 1 दिसंबर 2024 से डीजीपी पदस्थ किया गया था। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार डीजीपी का कार्यकाल 2 साल नियत किया गया है। इसलिए डीजीपी कैलाश मकवाना अब 1 दिसंबर 2025 की बजाए 2 दिसंबर 2026 को रिटायर होंगे। इस प्रकार उन्हें डीजीपी के लिए एक साल का अतिरिक्त सेवाकाल मिलेगा।
गृह विभाग के अपर सचिव आशीष भार्गव के आदेश में सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका सिविल क्रमांक 310/ 1996 में दिए गए निर्णय का जिक्र किया गया है।
Published on:
31 Oct 2025 06:55 pm

