
MP News: वाहन चोरी या अपराध में उपयोग हुई गाड़ियों की पहचान में पुलिस को अब घंटों नहीं, मिनटों में सफलता मिलेगी। मप्र राज्य फॉरेंसिक प्रयोगशाला (एसएफएल) जल्द ही ऐसी अत्याधुनिक मैग्नेटो ऑप्टिकल डिवाइस खरीदने जा रही है, जिससे मिटाए गए चेसिस नंबर को कुछ ही मिनटों में रिकवर किया जा सकेगा। इस डिवाइस के आने से थानों में वर्षों तक खड़ी रहने वाली जब्त गाड़ियों की पहचान भी तेजी से हो सकेगी। पुलिस इन्वेस्टिगेशन की रफ्तार बढ़ाने में भी यह तकनीक काफी मददगार साबित होगी।
चेसिस रिकवरी तकनीक को लेकर अन्य राज्यों में भी प्रयोग हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश में चेसिस आइडेंटिफिकेशन सिस्टम वैन से यह कार्य किया जा रहा है। वहीं मध्यप्रदेश में मैग्नेटो ऑप्टिकल तकनीक के आने से जांच प्रक्रिया और अधिक सटीक और तेज होने की उम्मीद है। ऐसे लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा जिनके वाहन चोरी होने के बाद पता नहीं लगते।
मैग्नेटो ऑप्टिकल डिवाइस चुंबकीय और ऑप्टिकल गुणों का उपयोग कर डेटा रिकवर करती है। इसमें लेजर और विशेष सेंसर की मदद से धातु की सतह पर मौजूद सूक्ष्म चुंबकीय बदलावों को स्कैन किया जाता है। मिटाए गए चेचिस नंबर को यह विशेष टेप और लेजर बीम के जरिए पहचान लेती है। कुछ ही मिनटों में वाहन का असली पहचान कोड दोबारा दिखाई देने लगता है।
वाहन चोर चोरी के बाद सबसे पहले वाहन के चेचिस नंबर को ग्राइंडर या घिसाई कर मिटा देते हैं, जिससे पहचान असंभव हो जाती है। अब तक पुलिस को इस नंबर को खोजने में कई घंटे या दिन लग जाते थे। इसके चलते वाहन मालिक भी नहीं खोजे जाते हैं।
Published on:
06 Nov 2025 10:47 am

