MP Politics: प्रदेश में ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण देने के मामले में बुधवार से सुप्रीम कोर्ट में प्रतिदिन सुनवाई होनी थी। अब ये मामला 8 अक्टूबर तक स्थगित कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि हम तैयार हैं, आप नहीं। बुधवार को अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी और मध्यप्रदेश सरकार के वकीलों ने कोर्ट से 27% ओबीसी आरक्षण पर लागू अंतरिम स्टे हटाने की मांग की।
सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों की ओर से वकीलो ने दलील दी कि उन्हें मप्र सरकार की ओर से 23 सितंबर को ही 15 हजार पेज के दस्तावेज सौंपे गए हैं। इनका अध्ययन करने के लिए अतिरिक्त समय की जरूरत है। इस पर कोर्ट ने सुनवाई के लिए 8 अक्टूबर की तारीख तय कर दी है।
मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली तो एमपी कांग्रेस ने मोहन सरकार को (MP Politics) जमकर घेरा। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक्स पर पोस्ट शेयर की। उन्होंने आरोप लगाया कि मोहन सरकार कोई आर्ग्यूमेंट करने को तैयार ही नहीं है, वो नहीं चाहती कि 27% आरक्षण दिया जाए। यहां पढ़ें जीतू पटवारी की एक्स पर शेयर की गई पोस्ट...
'ओबीसी आरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी, लेकिन वकीलों की तैयारी की कमी के कारण सुनवाई स्थगित कर दी गई। माननीय न्यायालय ने फिर फटकार लगाते हुए कहा कि 'लगता है आप बहस ही नहीं करना चाहते।' उन्होंने आगे लिखा है कि, 27% ओबीसी आरक्षण का मामला बार-बार अदालतों में अटकता रहता है, लेकिन मोहन सरकार लगातार बहाने बनाकर ओबीसी वर्ग को भ्रमित कर रही है।
जीतू पटवारी ने अपनी इस पोस्ट में 27% आरक्षण लेकर ही रहने की बात कही है। उन्होंने लिखा है कि, 'मैं ओबीसी वर्ग के सभी भाइयों और बहनों को विश्वास दिलाता हूं कि चाहे कुछ भी हो जाए, हम मोहन यादव से 27% ओबीसी आरक्षण प्राप्त करके रहेंगे।'
उधर भाजपा मंत्रियों और नेताओं ने कांग्रेस पर (MP Politics) गंभीर आरोप लगाे हैं कि कांग्रेस 27% OBC आरक्षण मामले पर लोगों को गुमराह कर रही है। उनका कहना है कि ओबीसी आरक्षण को 27% करने के मामले में कांग्रेस जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। वास्तविकता यही है कि प्रदेश सरकार के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में पूरी गंभीरता के साथ तथ्यों को सामने रखा है। 15 हजार पेजों का दस्तावेज सौंपा है। सरकार ओबीसी 27% आरक्षण दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
Updated on:
25 Sept 2025 09:59 am
Published on:
25 Sept 2025 09:58 am