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सड़क हादसों पर लगेगी लगाम! गायों के गले में दिखेगा ‘रेडियम बेल्ट’

MP Police: राजधानी भोपाल के कटारा हिल्स थाने के प्रभारी सुनील दुबे की पहल, सड़क हादसे होंगे कम, यूंही नहीं जाएगी किसी की जान, आप भी शुरू कर सकते हैं ऐसा अभियान....।

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MP police Unique Initiative

MP police Unique Initiative: कटारा हिल्स स्थित पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक सुनील दूबे गाय के गले में रेडियम कॉलर पहनाते हुए, ताकि न हो हादसा, न जाए जान। (फोटो: पत्रिका)

MP Police: बरसात के मौसम में सड़कों पर गाय-बैल बैठे नजर आते हैं। कहीं दो चार, तो कहीं बड़ा झुंड भी जो पूरी सड़क को ही घेर ले। यानी आवाजाही बंद। यही कारण है कि बारिश के सीजन में आए दिन सड़क हादसे होते हैं, जिनमें न सिर्फ वाहन चालक बल्कि, गौवंश भी घायल हो जाते हैं। इन सड़क हादसों में मवेशी के साथ ही अक्सर लोगों की जान पर भी बन आती है। 10 सितंबर 2025 को भी ऐसा ही घटनाक्रम सामने आया। जब एक ही दिन में गाय से जुड़े दो सड़क हादसों ने लोगों का दिल दहला दिया। इन दोनों हादसों ने एमपी पुलिस को भी झकझोर कर रख दिया। कटारा हिल्स थाना प्रभारी निरीक्षक सुनील दुबे ने आगे बढ़कर बचाव की पहल ही शुरू कर दी।

अंधेरे में रेडियम पट्टी पहने नजर आएंगी गायें

सुनील दुबे ने बताया कि हादसों को रोकने के लिए केवल अपराध पंजीबद्ध करना ही कारगर नहीं होगा। असल में समाधान है, गायों को रात में वाहन चालकों को साफ नजर आना। इसी सोच के साथ उन्होंने थाना क्षेत्र की गायों के गले में 500 रेडियम बेल्ट बांधने की शुरुआत की। इन पट्टियों से गाय दूर से ही चमकती हुई नजर आने लगेंगी। इसका फायदा ये होगा कि वाहनों के अचानक गायों से टकराने का खतरा काफी हद तक कम हो जाएगा।

पुलिस का मानवीय चेहरा

थाना प्रभारी दुबे बताते हैं कि 'मध्य प्रदेश पुलिस सेवा वास्तव में एक सेवा है। मेरा यह छोटा-सा प्रयास न केवल गायों को सुरक्षित करेगा, बल्कि मानव जीवन की रक्षा भी करेगा।' उनका यह कदम (Unique Initiative) पुलिस के मानवीय और सामाजिक दायित्व को भी दर्शाता है।

जनता से भी अपील

निरीक्षक दुबे (Sunil Dubey) ने नागरिकों से भी अनुरोध किया है कि बरसात के इन दिनों में सड़कों पर सावधानी से वाहन चलाएं। उन्होंने कहा कि चाहे सड़क सुनसान ही क्यों न हो, वाहन की स्पीड नियंत्रित रखें, ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके।

क्यों अहम है यह पहल?

बरसात में हादसों की संख्या बढ़ जाती है। क्योंकि रात के अंधेरे में काली सड़क पर बैठे मवेशी वाहन चालकों दूर से ही नजर नहीं आ पाते, ऐसे में बिल्कुल पास आने पर जब मवेशी नजर आते भी हैं, तो वाहन को अचानक कंट्रोल कर पाना मुश्किल होता है और हादसा (Road Accidents) हो जाता है। रेडियम पट्टियां इनका सबसे सस्ता और प्रभावी समाधान है। ऐसे में डॉ. दुबे की ये पहल अन्य जिलों के लिए भी मॉडल पहल साबित हो सकती है। कटारा हिल्स थाना प्रभारी निरीक्षक की इस पहल की तरह आप भी एक अभियान के रूप में शुरू कर सकते हैं और हादसों पर लगाम कसने में मदद कर सकते हैं। अब सवाल आपसे क्या आप बनेंगे इस अभियान का हिस्सा...?