
MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल जहां नवाबी दौर के तहजीब-ओ-तमीज का इतिहास आज भी शहर की रूब में बसता है। शहर में मंगलवार की सुबह उसी दौर की यादें ताजा कर गईं, जब अभिनेत्री शर्मिला टैगोर की बेटी और अभिनेता सैफ अली खान की बहन सबा अली सुल्तान अचानक भोपाल में नजर आईं। वे बिना किसी औपचारिक घोषणा और के राजधानी भोपाल पहुंची थीं। उनके इस तरह अचानक दौरे को लेकर कहा जा रहा है कि इस दौरान उन्होंने वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को एक नई दिशा दी है, वहीं शाही औकाफ की कार्यप्रणाली में नए योग की शुरुआत का संकेत भी दिया है।
जानकारी के मुताबिक मंगलवार की सुबह अचानक शाही औकाफ की मुतव्वली (वक्फ संपत्ति की ट्रस्टी) का अचानक दौरा चर्चा में है। सबा अली सुल्तान भोपाल पहुंचते ही सीधे शाही औकाफ कमेटी के कार्यालय पहुंची। यहां उन्होंने वर्तमान कार्यों की समीक्षा की और उपस्थित सदस्यों के साथ विस्तृत चर्चा की। इसके बाद वे मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड के मुख्यालय पहुंची। जहां बोर्ड अध्यक्ष सनव्वर पटेल के साथ उनकी लंबी बैटक चली।

जानकारी मिल रही है कि इस बैठक का पूरा फोकस वक्फ संपत्तियों का नया कानून (Waqf Amendment Bill) था, जिसके मुताबिक पारदर्शी संचालन को लेकर यह बैठक की गई।

सबा सुल्तान आली ने इस दौरान मीडिया से भी बातचीत की उन्होंने कहा कि पिछले 8-10 सल में भोपाल बहुत बदला है, औकाफ की कार्यप्रणाली सुधरी है। हमने पुराने ढर्रे से बाहर निकलकर नई सोच अपनाई थी, नई टीम बनाई, पुराने ढांचे को बदला। उन्होंने कहा इस नई सोच से आमदनी और भरोसा दोनों बढ़े हैं।

जानकारी के मुताबिक, शाही औकाफ की वार्षिक आय जहां पहले 50-55 लाख रुपए थी, वहीं अब यह 1.83 करोड़ रुपए पहुंच चुकी है। खर्चों के बाद करीब 1.3 करोड़ रुपए की साफ आमदनी कमेटी ने दर्ज की है। ये अपने आप में ऐतिहासिक सुधार माना जा रहा है।
वक्फ बोर्ड अध्यक्ष (Waqf Board Chairman) सनव्वर पटेल ने बताया कि सबा अली सुल्तान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा लाए गए नए वक्फ बिल का समर्थन किया है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि शाही औकाफ की सभी संपत्तियों को उम्मीद पोर्टल पर दर्ज किया जाए, ताकि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके। इस दौरान सबा अली सुल्तान ने कहा कि ये नया कदम वक्फ संपत्तियों के संरक्षण के साथ ही आम जनता के भरोसे को भी मजबूत करेगा।
बैठक के दौरान वक्फ बोर्ड की ओर से संचालित बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान पर भी चर्चा हुई। सबा अली ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे अन्य राज्यों में विस्तार देने का आश्वासन दिया।
शाही औकाफ की बढ़ती आमदनी को अब समाज सेवा से जोड़ा जाएगा। सबा अली ने बोर्ड को निर्देश दिए हैं कि भोपाल के रियासतकालीन क्षेत्रों, भोपाल, सीहोर, रायसेन में नि:शुल्क एम्बुलेंस सेवा और शव वाहन की सेवा शुरू की जाएं। साथ ही वक्फ संपत्तियों को उपयोग में लाने की योजना भी बनाई जाए। उन्होंने कहा कि औकाफ की कमाई सिर्फ दस्तावेजों में नहीं, सामाजिक जीवन में दिखाई देनी चाहिए।

सबा अली सुल्तान शाम को 4 बजे भोपाल से मुंबई के लिए रवाना हो गईं। लेकिन उनका यह दौरा भोपाल की सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक संस्थाओं के लिए कई संदेश छोड़ गईं। उनकी इस तरह अचानक मौजूदगी ने साबित कर दिया कि नवाबी वंश की अगली पीढ़ी अब सिर्फ विरासत की रखवाली नहीं बल्कि, उसके पुनरुत्थआन की दिशा में भी सक्रिय भूमिका में आ गई है।
नवाबी शहर भोपाल में सबा अली सुल्तान के जाने के बाद चर्चाएं हैं… 'वो आईं चुपचाप मगर..., नए बदलाव की बात कहकर लौटी हैं।'
Published on:
05 Nov 2025 11:40 am

