
DGP KAILASH MAKWANA (file photo)
mp news: राजस्थानकी रहने वाली एक फैशन डिजाइनर महिला ने मध्यप्रदेश के पुलिस मुख्यालय भोपाल की सीआईडी शाखा में पदस्थ एआईजी राजेश मिश्रा पर 30.59 लाख की धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। इस मामले में अब तक पुलिस में शिकायत और सभी तथ्य देने के बावजूद एआईजी के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। इस पर पीड़िता ने अब मध्यप्रदेश के डीजीपी कैलाशा मकवाना को लीगल नोटिस भिजवाया है। इसमें आरोप है कि विधिवत शिकायत, ईमेल्स, चैट्स और अन्य डिजिटल साक्ष्य देने के बावजूद अभी तक कोई एफआईआर नहीं हुई है।
पुलिस मुख्यालय द्वारा राजस्थान की फैशन डिजाइनर महिला के द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच की जा रही है। जिस संदर्भ में पीड़िता को 18 नवंबर को नोटिस देकर साक्ष्यों के साथ अपने बयान दर्ज करवाने के लिए 21 नंवबर को पुलिस मुलयालय बुलाया गया था। जिसके बाद अब पीड़िता ने आरोप लगाया है कि जांच के नाम पर पूरे मामले को टाला जा रहा है। कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एआईजी राजेश मिश्रा को बचा रहे हैं। पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने जांच के नाम पर मामले को लंबा खींचते हुए समझौते का दबाव बनाने की कोशिश की। डीजीपी को भेजे लीगल नोटिस में चेतावनी दी गई है कि अगर 15 दिन में एफआइआर दर्ज कर निष्पक्ष एजेंसी से जांच शुरू नहीं करवाई गई तो पीड़िता कोर्ट जाएगी।
जयपुर की महिला ने एआईजी राजेश मिश्रा पर आर्थिक, मानसिक और शारीरिक शोषण का आरोप लगाया है। शिकायत के मुताबिक सितंबर में राजेश मिश्रा ने बेटी का जन्मदिन जयपुर में मनाने की बात कही और होटल बुक करने को कहा। जहां पीड़िता ने दो कमरों का 98 हजार का भुगतान किया। इसी दौरान राजेश मिश्रा की पत्नी ने 26 लाख की ज्वेलरी और तीन लाख की डिजाइनर ड्रेस ली। इसका भुगतान भी पीड़िता से करवाया गया। इस दौरान किए गए खर्च को राजेश मिश्रा ने लौटाने का वादा किया था। लेकिन जयपुर से निकलते ही उन्होंने पीड़िता का नंबर ब्लॉक कर दिया।
Published on:
07 Dec 2025 05:05 pm
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