
MP BJP: मध्यप्रदेश भाजपा की कार्यकारिणी में अब तक परिवारवाद को लेकर संवेदनशील रहे संगठन के सामने आपराधिक क्षवि वाले नेताओं की एंट्री ने फिर चुनौती खड़ी कर दी है। रीवा जिले की कार्यकारिणी में हत्या के प्रयास में चार माह जेल काटने वाले मनीषचंद्र शुक्ला को जिला उपाध्यक्ष बना दिया गया। तो सर्चित सेंडीज घोटाले में आरोपित बाबूलाल यादव को मंत्री की कमान सौंपी गई। जिले की कार्यकारिणी में इनकी एंट्री के बाद भीतर ही भीतर फिर से विरोध शुरू हो चुका है। बता दें, जिस मनीष को पार्टी अब उपाध्यक्ष बना रही है। उसी को 2022 में 6 साल के लिए निष्कासित किया था। दो साल बाद ही निष्कासन वापस कर उपकृत कर दिया गया।
रीवा जिले की कार्यकारिणी में दूसरा बड़ा विवाद जिला महामंत्री विवेक गौतम को लेकर सामने आया। दरअसल यहां विवाद इस बात को लेकर शुरू हुआ कि जब पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के बेटे राहुल गौतम को कार्यकारिणी में जगह मिलने पर संगठन ने पद से त्यागपत्र दिलवाया। तो फिर सगे भतीजे विवेक गौतम को जिला महामंत्री क्यों बना दिया गया। क्या यह परिवारवाद नहीं है। बता दें इससे पहले मंत्री संपतिया उइके और सांसद फग्गन सिंह के परिजनों से भी इस्तीफे दिलवाए जा चुके है।
कुछ जाले सजाई जा रही है। मामले में जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।- हेमंत खंडेलवाल, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा
भाजपा जिला कार्यकारिणी (MP BJP)में ज्यादातर जिलों में विवाद जैसी स्थिति बनी हुई है। खंडवा जिले की कार्यकारिणी जारी होने के बाद गठजोड़ और जातीय संतुलन का ध्यान नहीं रखने के आरोप शुरू हो गए। ये आरोप लगाया गया कि जितने नेताओं को कार्यकारिणी में जगह दी गई है। सभी को बड़े नेताओं की सिफारिश पर बनाया गया है। जमीनी कार्यकर्ताओं की मेहनत को दरकिनार किया गया है। स्थानीय कार्यकर्ता और मजबूत समाज को दरकिनार किया गया है।
Published on:
26 Sept 2025 09:53 am

