
MP Police- मध्यप्रदेश में कई सालों से एक ही स्थान पर जमे अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सरकार उन्हें हटाने की कवायद में लगी है। प्रदेश के पुलिस विभाग में यह कार्यवाही चल रही है। एक ही जिले में कई सालों से पदस्थ पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर के लिए प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। खासतौर पर सब इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर और एसडीओपी पर गाज गिरना तय माना जा रहा है। विधानसभा के आगामी सत्र के लिए पूछे गए एक प्रश्न के कारण इन पुलिसकर्मियों की मुसीबतें बढ़ीं हैं। एक विधायक ने इस संबंध में सवाल उठाया है जिसका विधानसभा में हर हाल में जवाब देना है।
मध्यप्रदेश में पुलिस अधिकारियों का 3 साल में ट्रांसफर का प्रावधान है। पुलिसकर्मियों के लिए बनी तबादला नीति के अनुसार 5 साल से पदस्थ अफसर को अनिवार्य रूप से स्थानांतरण के लिए विचारणीय माना जाता है। हालांकि विशेष परिस्थितियों में इस अवधि को बढ़ाया भी जा सकता है।
पुलिस विभाग में तबादला नीति बनी जरूर है पर इसका पालन नहीं किया जा रहा है। कई अफसर तो सालों से एक ही जिले में जमे हैं। इनमें अनेक टीआई, एसडीओपी, डीएसपी शामिल हैं। 10 साल से एक ही जगह पर पदस्थापना तो तबादला नीति का घोर उल्लंघन है।
विधायक चौधरी सुजीत मेर सिंह ने विधानसभा में यह सवाल पूछ लिया है। तारांकित प्रश्न क्रमांक 944 में उन्होंने सालों से जमे पुलिस अधिकारियों पर प्रश्न पूछा। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में 2 दिसंबर को सरकार को इस सवाल का जवाब देना है।

विधायक के प्रश्न की जानकारी मिलते ही पुलिस विभाग एक्शन में आ गया। पीएचक्यू ने प्रदेशभर के उन अधिकारियों की जानकारी मांगी है जोकि एक ही जिले में 10 साल या इससे ज्यादा समय से पदस्थ हैं। इस संबंध में सभी जिलों के एसपी को प्रोफार्मा भेजा गया है। कार्मिक शाखा द्वारा चार बिंदुओं का यह प्रोफार्मा भोपाल और इंदौर पुलिस कमिश्नरों को भी भेजा गया है। माना जा रहा है कि सालों से एक ही जिले में जमे अफसरों को अब हटाया जाएगा। ऐसे करीब 9 सौ अधिकारी हैं जोकि तबादलों की जद में आ रहे हैं।
Published on:
17 Nov 2025 06:26 pm

