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एमपी ने एक्सपोर्ट में रचा नया इतिहास, 66218 करोड़ का रिकार्ड निर्यात किया

MP creates history with record exports of 66218 crores

MP creates history with record exports of 66218 crores
MP creates history with record exports of 66218 crores

MP Export- मध्यप्रदेश में निरंतर औद्योगिक विकास और आर्थिक सशक्तिकरण के परिणाम सामने आने लगे हैं। प्रदेश ने एक्सपोर्ट में नया इतिहास रचा है। प्रदेश ने उल्लेखनीय सफलता प्राप्त करते हुए अब तक का सर्वोच्च निर्यात दर्ज किया। निर्यात क्षेत्र की Federation of Indian Export Organisations (FIEO) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश ने 66218 करोड़ रुपए का रिकार्ड निर्यात किया है। यह उपलब्धि इसलिए भी विशेष है क्योंकि प्रदेश के अनेक निर्यातक अपने उत्पादों का गुजरात और महाराष्ट्र के बंदरगाहों के माध्यम से निर्यात करते हैं। इससे उनके आंकड़े प्रायः इन दोनों राज्यों के खाते में दर्ज हो जाते हैं।

Federation of Indian Export Organisations (FIEO) की नई रिपोर्ट में बताया गया है कि मध्यप्रदेश का मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट 66218 करोड़ रुपए और आईटी कंपनियों (SEZs) का निर्यात 4,038 करोड़ रुपए रहा। इतना ही नहीं, मध्यप्रदेश की राष्ट्रीय निर्यात रैंकिंग 15वें से बढ़कर 11वें स्थान पर पहुंच गई है।

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजदगी में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा मध्यप्रदेश एक्सपोर्ट प्रमोशन पॉलिसी का शुभारंभ किया गया था। इस नीति के तहत निर्यातकों को प्रोत्साहन, वित्तीय सहायता और अन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इससे प्रदेश के उत्पादों को वैश्विक बाजारों तक पहुंचाने में नई गति मिली है।

प्रदेश सरकार और मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम (MPIDC) निर्यात वृद्धि के उद्देश्य से कई कवायदें कर रहा है। राज्य में वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) और एक्सपोर्ट प्रमोशन विषयक कार्यशालाएं और प्रदर्शनियां लगातार आयोजित की जा रही हैं। इनके माध्यम से प्रदेश के कारीगरों, किसानों, उद्यमियों और MSME इकाइयों को अंतरराष्ट्रीय मानकों, निर्यात प्रक्रियाओं और वैश्विक अवसरों से जोड़ा जा रहा है। यहां विशेषज्ञ ब्रांडिंग, पैकेजिंग, GI टैगिंग, गुणवत्ता परीक्षण, वित्तीय सहायता, बीमा, लॉजिस्टिक्स और डिजिटल मार्केटिंग जैसे विषयों पर व्यावहारिक मार्गदर्शन देते हैं।

इसी क्रम में 28 अक्टूबर को सागर में कृषि उपकरणों के निर्यात पर कार्यशाला हुई। आगर मालवा में 29 अक्टूबर को संतरा उत्पादों के प्रसंस्करण पर, 30 अक्टूबर को बैतूल में सागौन उत्पादों के वैश्विक बाजार पर, 31 अक्टूबर को इंदौर में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग पर और 4 नवम्बर को श्योपुर में टमाटर प्रसंस्करण और निर्यात संभावनाओं पर कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। कार्यशालाओं में APEDA, उद्यानिकी विभाग, हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद, कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, ECGC, SBI, EXIM Bank, भारतीय डाक विभाग और प्रमुख ई-कॉमर्स मंचों के विशेषज्ञ शामिल होंगे।

कृषि आधारित उत्पाद भी प्रदेश की वैश्विक पहचान

मध्यप्रदेश की असली पहचान उसकी कृषि, परंपरा और हुनर में निहित है। प्रदेश जहां फलों, सब्जियों, मसालों, अनाज और वनोपजों के उत्पादन में अग्रणी है, वहीं चंदेरी साड़ी, जरदोज़ी कढ़ाई, लकड़ी के खिलौने, गोंड चित्रकला, रत्न और कृषि आधारित उत्पाद भी प्रदेश की वैश्विक पहचान बन रहे हैं।

महाकाल की नगरी उज्जैन का एकता मॉल प्रदेश सरकार के नवाचारों का उत्कृष्ट उदाहरण बन गया है। यहां देशभर के GI टैग और ODOP उत्पाद एक ही छत के नीचे प्रदर्शित और बेचे जा रहे हैं। यह मॉल स्थानीय कारीगरों को मंच प्रदान करने के साथ उनके उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खरीदारों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।