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VIT कॉलेज का आंखों देखा हाल, नाम न छापने की शर्त पर पेरेंट्स ने सुनाए चौंकाने वाले मामले

VIT कॉलेज में मंगलवार और बुधवार को सामने आई उपद्रव और हिंसात्मक घटनाओं और एक बच्ची की मौत की खबर सामने आने के बाद patrika.com ने की कॉलेज में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स से बात... हुआ चौंकाने वाला खुलासा...

VIT College Big Revealed By students and their parents aankho dekha haal
VIT College Big Revealed By students and their parents aankho dekha haal(फोटो: सोशल मीडिया: Modify by patrika.com)

VIT College: सीहोर जिले के कोठरी के वीआईटी कॉलेज परिसर में मंगलवार और बुधवार को छात्रों ने भोजन और दूषित पानी की समस्याओं को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू किया जो बाद में उग्र आंदोलन बन गया। इस दौरान छात्रों ने बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ और आगजनी की घटना को अंजाम दिया। चांसलर के बंगले के एक हिस्से में तोड़-फोड़ की। कॉलेज को लाखों रुपए का नुकसान हुआ। घटना के बाद वीआईटी यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार के. के. नायर की शिकायत पर अज्ञात 2000 छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और पुलिस जांच की जा रही है। कॉलेज प्रशासन ने मामला संभालने के लिए 8 दिसंबर तक की छुट्टियां घोषित कर दीं। इस बीच patrika.com ने की कई कॉलेज स्टूडेंट्स और उनके माता-पिता से बात… बच्चों का करियर खराब होने से डरे-सहमे पेरेंट्स पहले तो कुछ भी बताने को तैयार नहीं हुए, लेकिन जब नाम न छापने की शर्त पर बात की गई, तो हुआ चौंकाने वाला खुलासा…

एक पिता ने कहा मेडिकल के नाम पर खाना पूर्ति

एक अभिभावक: मेरी बच्ची हॉस्टल में रहती है। मैं कई बार हॉस्टल गया हूं लेकिन कभी रूम तक नहीं गया। मेरी वाइफ मैस तक जरूर गई हैं। उन्होंने बताया था कि ऊपर ऊपर से तो सब सही दिखाई देता है। लेकिन अंदरूनी बात ये है कि बेटी ने एडमिशन के बाद से अब तक कई बार शिकायत की, स्टूडेंट्स आपस में ऐसे वीडियो शेयर करते थे, जिनमें खाने में कभी इल्ली तो कभी कुछ और कचरा सब्जी पर तैरता नजर आता था।

उनका कहना है कि हैरानी की बात तो ये है कि वहां 200-300 नहीं बल्कि 14000 बच्चे रहते हैं, लेकिन मेडिकल सुविधा के नाम पर केवल खानापूर्ति ही की जा रही है। रात-बेरात अगर किसी बच्चे की तबीयत खराब हो जाए, तो नर्स आती है और दो चार दवाएं थमा देती है। ये लो एसिडिटी होगी…ये ले लो वॉमिटिंग के लिए और बात खत्म।

बच्चों को यदि डॉक्टर को दिखाना हो तो एक लंबा प्रोसेस होने के बाद भी कई बार रोक लिया जाता है। फॉर्म भरो, साइन करवाओ, अनुमति और कभी-कभी तो अनुमति मिलने के बाद भी यह कह कर टाल दिया जाता है कि आज नहीं जाने दे सकते है आज ये है, आज वो है। अपॉइंटमेंट लेने के बावजूद बच्चों को डॉक्टर को नहीं दिखा पाते।

मेडिकल सुविधा सबसे बड़ी दिक्कत, आसपास नहीं कोई डॉक्टर

एक अभिभावक: यहां सबसे बड़ी समस्या ये है कि मेडिकल की सुविधाएं न के बराबर है। स्थिति ये है कि कॉलेज परिसर जहां है, वहां आसपास के क्षेत्र में डॉक्टर ही नहीं है। हॉस्टल में छात्रों का ध्यान रखने वाला मेडिकल स्टाफ दो-चार निर्धारित दवाएं साथ रखता है। वही दी जाती हैं। डॉक्टर से अपॉइंटमेंट की हालात ये है कि बड़ा लंबा प्रोसेस है, कुछ स्टूडेंट्स तो हिम्मत हार जाते हैं, कॉलेज मेडिकल हेल्प से काम चलाते कई बार स्थिति बिगड़ जाती है।

नेहा नाम की छात्रा की मौत हुई है उसके पिता मेरे बेस्ट फ्रेंड

एक अभिभावक- मेरे एक फ्रेंड की बच्ची की डेथ हो गई है। ये कंफर्म खबर है। ये झूठ नहीं है। मैं इस बात को जिम्मेदारी लेते हुए कह सकता हूं। यह बात दबाई जा रही है। लेकिन जिसने खोया है वही जानता है। ऐसे हालात देखकर लगता है कि सिस्टम जरूरत से ज्यादा भरोसा बच्चों की किस्मत पर छोड़ रहा है। जैसे किस्मत में होगा तो इन्हें कुछ नहीं होगा, किस्मत में है तो बीमार भी होंगे और मौत की नींद भी सोएंगे।

VIT College Student death(फोटो: सोशल मीडिया) इस मेल के बाद हुई VIT कॉलेज में 19 साल की नेहा की मौत की पुष्टि।

पानी का पीला रंग

एक अभिभावक कहते हैं कि पीने के पानी के लिए RO यूनिट लगाई है। लेकिन उसकी साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता। वॉटर कूलर रखा है, लेकिन उससे बदबू आती है। पिछले साल भी स्टूडेंट्स ने दूषित पानी की समस्या को लेकर विरोध- प्रदर्शन किया था। लेकिन तब एक बार वॉटर कूलर की सफाई करवाई थी। उसके बाद तो जैसे ही बच्चों ने कचरा होने की शिकायत की, तो वॉटर कूलर के ढक्कन पर ही ताला जड़ दिया। नहाने का पानी भी पीला रंग का आता है। पता नहीं वहां पानी की समस्या है कि क्या है, कुछ जानकारी नहीं।

बच्चों को उल्टियां आना आम बात

एक अभिभावक: पानी और भोजन का मामला VIT में इतना खराब है कि स्टूडेंट्स गंदा-बदबूदार पानी पीने को मजबूर हैं। मैंने अपनी बेटी की शिकायत पर उसे पानी में PH लेवल जांचने के लिए थर्मामीटर दिया था। और उससे कहा था कि किसी के सामने पानी टेस्ट मत करना, वरना नाम सामने आया तो करियर बर्बाद हो जाएगा। लेकिन ये भी सच है कि वहां अक्सर स्टूडेंट्स को पेट दर्द और उल्टियां होने के मामले सामने आते रहते थे।

मजबूरी में भेजना होगा कॉलेज, वरना बर्बाद हो जाएगा करियर

एक मामले में यह भी सामने आया कि पेरेंट्स डरे हुए हैं और अपने बच्चों के करियर को बचाने के लिए सच बताने से भी घबरा रहे हैं। एक ऐसे ही मजबूर पिता का कहना है कि मेरी बच्ची जबसे VIT कॉलेज में रहने लगी, तब से वह बीमार पड़ने लगी है। अब बच्चे विरोध कर रहे हैं, तो सही कर रहे हैं। कब तक स्थिति सुधारेंगे पता नहीं, लेकिन चाहे जैसे भी हालात हों, हमें बच्ची की पढ़ाई पूरी होने तक उसे वहां पढ़ने तो भेजना ही पड़ेगा। वरना हमारे पास कोई और विकल्प भी नहीं, पूरी फीस जमा की है। बच्ची का नाम सामने आया तो करियर बर्बाद हो जाएगा। आप मेरा न मेरी बेटी का किसी का भी नाम पता कुछ मत बताना न्यूज में।

FIR Against VIT College Students(FIR Copy फोटो- पत्रिका) उपद्रव मचाने वाले स्टूडेंट्स के खिलाफ कॉलेज के रजिस्ट्रार केके नायर ने दर्ज कराई है FIR, 2000 अज्ञात स्टूडेंट्स के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

क्या बोले स्टूडेंट्स

एमपी के सीहोर जिले के VIT College के हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स का कहना है कि वे अपने व्हाट्स एप ग्रुप में मैस की शिकायतें डालते रहते थे। रोज नहीं तो हफ्ते में दो या तीन बार भी। कई बार वीडियो शेयर किए मैस के खाने में दिखीं इल्लियों के, कभी कच्ची दाल और अधपकी सब्जी समेत कच्चे भटूरे और रोटियों के भी। उनका कहना है कि कई बार मैस वार्डन को भी बताया, कई बच्चों ने प्रशासन स्तर पर भी शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। नतीजा ये हुआ की स्टूडेंट्स का गुस्सा फूट पड़ा।

नोट: कई बार समझाइश के बाद भी जब पेरेंट्स नहीं मानें, तो पत्रिका ने उनकी भावनाओं को प्राथमिकता दी है, VIT में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स से बात की गई, लेकिन उनका नाम-पता यहां प्रकाशित नहीं किया गया है।