
धूल और धुआं बने मुसीबत (Photo Source- Patrika)
Bhopal News : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के अस्पतालों में सांस और फेफड़ों से जुड़ी बीमारी के मरीज पहुंच रहे हैं तो वहीं शहर के बड़े हिस्से में न तो धूल है और न ही धुआं। प्रदूषण जांचने के स्टेशन 5 दिन से बंद है। इनके सेंसर खराब हो गए हैं, जिसके चलते आंकड़े जारी नहीं हुए। शहर में 3 स्थानों पर हवा की जांच हो रही है। इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के 3 स्टेशन हैं। ये हवा में धूल और धुएं की जांच कर रहे हैं।
लेकिन, टीटी नगर और कलेक्ट्रेट के केन्द्र बंद हैं। सिर्फ पर्यावरण परिसर से जांच हो रही है। यहां एक्यूआई 152 मिला है। 2 स्टेशन से 25 नवंबर के बाद इनसे आंकड़े नहीं मिले है। यह अपडेट होकर विभागों को भेजते हैं।
अधिकारियों के मु़ताबिक, पीएम 10 मापने के सेंसर खराब हो गए हैं। इन्हें बदलने का काम जारी है। जल्द ही ये शुरू हो जाएंगे। पीएम 10 धूल को मापने का काम करता है। अधिकारियों के मुताबिक, एक स्टेशन पर करीब 65 लाख रुपए का खर्च आता है। ऐसे में सवा करोड़ रुपए खर्च होने के बाद भी प्रदूषण के आंकडे नहीं मिले। इनके आधार पर सुधार के लिए काम होता है।
मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी ब्रजेश तिवारी ने बताया कि, इसके पीछे तकनीकी खराबी कारण है। सेंसर काम नहीं कर रहे हैं। सुधार के काम शुरूकर दिया गया है। काम एजेंसी के पास हैं जिसने इन्हें लगाया है। इंटरनल आंकड़े स्टोर कर लिए हैं। जल्द यह डिस्प्ले चालू होंगे। आम तौर पर ऐसी खराबी आती नहीं है।
Published on:
01 Dec 2025 09:47 am
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