
MP News: सरपंचों को 50 हजार रुपए मिलेंगे। यह राशि अलग से दी जाएगी। इसका उपयोग सरपंचों द्वारा दफ्तर से जुड़े कामों में कर सकेंगे। अब तक इस तरह अलग से कोई राशि नहीं दी जाती थी। पहली बार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उक्त राशि दिए जाने की घोषणा मंगलवार को भोपाल के जंबूरी मैदान में हुए सरपंचों के संयुक्त मोर्चा सम्मेलन में कही। आगामी 24 से 26 नवंबर के बीच भोपाल में पंचायत प्रतिनिधियों की कॉन्फ्रेंस भी होनी है। सम्मेलन में आए प्रदेशभर के पंचायत प्रतिनिधियों को पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने भी संबोधित किया।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पंचायतें भी नगरीय निकायों की तर्ज पर विकास की योजनाएं बनाकर काम करें। इसके लिए अलग से बजट दिया जाएगा। बता दें कि अब तक पंचायतों के लिए 2472 अटल पंचायत भवन, 1037 सामुदायिक भवन, 106 जनपद पंचायत भवन तथा 5 जिला पंचायत भवन स्वीकृत किए हैं। गांव के शांति धाम भी व्यवस्थित रूप से विकसित हों, इस उद्देश्य से दिसंबर 2026 तक सभी शांति धाम अतिक्रमण से मुक्त कर उनके पहुंच मार्ग बनाने और आवश्यक फेंसिंग और पौधरोपण कार्य के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, भाजपा सरकार ने ही सरपंचों को 25 लाख रुपए तक के निर्माण कार्य कराए जाने के अधिकार दिए। इसके लिए पहले जिलों तक चक्कर लगाने पड़ते थे। अब सरपंच काम करवा रहे हैं और जनपद स्तर पर ही अनुमति मिल रही है। इसकी वजह से कामों में तेजी आई है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने पंचायत प्रतिनिधियों की मांग पर 25 लाख रुपए तक के कामों का अधिकार सरपंचों को देने पर मुख्यमंत्री का आभार माना। कहा कि प्रदेश की पंचायतें देश का सबसे अच्छा और सबसे बड़ा रेकॉर्ड रूम बन सकती हैं। जिन पंचायतों में नदियां के उद्गम स्थल है, वहां के सरपंच अपनी कार्य योजना में उद्गम स्थल के बेहतर रखरखाव को शामिल करें। ऐसी पंचायतें जहां की आबादी 5000 से अधिक होगी, वहां 2 सामुदायिक भवन देंगे। मंत्री पटेल ने गांवों के विकास को लेकर सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी।
जंबूरी मैदान में आयोजित सरपंच समेलन में एक मौका ऐसा भी आया जब मुयमंत्री की जुबान फिसल गई। असल में कई सरपंचों ने मुख्यमंत्री से शिकायत में कहा कि वे जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधि है लेकिन कई बार अफसर उनकी बातों को तवज्जो नहीं देते। इसमें कई सचिव और रोजगार अफसरों की बातों में आ जाते हैं। इस तरह पंचायतों में मूल जरुरत के काम नहीं कर पाते। यह बात मुख्यमंत्री के संज्ञान में थी जब वे मंच पर पहुंचे तो उन्होंने सचिवों व रोजगार सहायकों को भरे मंच से लताड़ा और कहा कि इनकी औकात क्या है? ये सुनवाई नहीं करते तो हटा देंगे। इनसे डरने की जरुरत नहीं है।
कां ग्रेस ने मंगलवार को राजधानी में हुए सरपंच सम्मेलन में मुख्यमंत्री के भाषण में पंचायत सचिवों के लिए औकात नहीं जैसे शब्द के इस्तेमाल पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने कड़ी आपत्ति जताई। कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा सचिवों और रोजगार सहायकों के लिए अपमानजनक शब्द कहे जाना अत्यंत निंदनीय है। यह ग्राम स्वराज की भावना की हत्या है। मुयमंत्री को इसके लिए सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए। ऐसा नहीं करने पर कांग्रेस सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेगी। पटवारी ने कहा, वे गांव का विकास करने वालों के अधिकारों की रक्षा करने के बजाय गाली दे रहे हैं। उन्होंने कहा, सचिवों और रोजगार सहायकों को भी इस अपमान के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
पटवारी ने कहा कि यह अत्यंत दुखद है कि दिल्ली में हुए भीषण विस्फोट को 12 घंटे भी नहीं बीते और प्रधानमंत्री भूटान यात्रा पर रवाना हो गए और वहीं से बयान जारी किया। यह संवेदनहीनता का उदाहरण है। केंद्र सरकार से अपील की कि सरकार, सेना, इंटेलिजेंस एजेंसियां और दिल्ली पुलिस इस घटना की सत जांच करें और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें।
प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस नवसृजन प्रशिक्षण शिविर में संगठन की कार्यशैली और नई रणनीति पर गंभीर मंथन हुआ है। जिलाध्यक्षों के प्रशिक्षण के बाद अब मंडल और ब्लॉक स्तर पर प्रशिक्षण आयोजित किए जाएंगे। संगठन को नई दिशा देने के लिए सोच और शैली दोनों में बदलाव आवश्यक है। बीजेपी संगठन का चाहे जितना विस्तार करे, लेकिन जनता के बीच बढ़ता विरोध साफ दिखाई दे रहा है। कांग्रेस एकजुट होकर मिशन 2028 की तैयारी कर रही है और गुटबाजी खत्म करने की दिशा में ठोस प्रशिक्षण हो रहा है। कांग्रेस 2028 में प्रदेश में सरकार बनाएगी। बिहार चुनाव के एग्जिट पोल पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल को लेकर जल्दबाजी की जरूरत नहीं है। तीन दिन बाद सच्चाई सबके सामने आ जाएगी।
Updated on:
13 Nov 2025 12:53 pm
Published on:
12 Nov 2025 10:32 am

