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जनगणना 2027: 1 जनवरी से फ्रीज रहेंगी जिले-तहसील और गांवों की सीमाएं

MP News: इस प्रीटेस्ट गणना के दौरान फील्ड में आने वाले चुनौतियों और समस्याओं के आधार पर एक रिपोर्ट बनाई जाएगी, जो केन्द्रीय गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी।

फोटो सोर्स: पत्रिका
फोटो सोर्स: पत्रिका

MP News: जनगणना 2027 के पहले चरण के पूर्व परीक्षण या प्रीटेस्ट 10 से 30 नवंबर 2025 तक किया जाएगा। इस दौरान चयनित क्षेत्रों में मकान सूचीकरण और मकानों की गणना का काम किया जाएगा। इसके पहले 7 नवंबर तक स्वगणना दर्ज करने का भी विकल्प रहेगा। इसके लिए प्रदेश के तीन जिलों ग्वालियर, रतलाम और सिवनी का चयन किया गया है। इसमें खासतौर पर सघन आबादी, वन क्षेत्र और आदिवासी आबादी वाले जिलों को आधार बनाया गया है।

गृह विभाग ने जारी की अधिसूचना

इस प्रीटेस्ट गणना के दौरान फील्ड में आने वाले चुनौतियों और समस्याओं के आधार पर एक रिपोर्ट बनाई जाएगी, जो केन्द्रीय गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी। प्रदेश के गृह विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। वहीं इसके लिए चुने गए तीनों जिलों के प्रशासन ने भी इसकी तैयारी कर ली है। इसके लिए जनगणनाकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। नागरिकों से भी जनगणना के काम में सहयोग देने की अपील की जा रही है। इसके साथ कलेक्टरों द्वारा नागरिकों की पूरी जानकारी गोपनीय रखने की बात कही जा रही है।

जनगणना से जुड़ीं ये बातें आपको जानना जरूरी

-जनगणना अधिनियम के अनुसार जनगणना में हर नागरिक को अपनी जानकारी देना अनिवार्य और बाध्यकारी है। जानकारी नहीं देने या गलत जानकारी देना कानूनन दंडनीय है।

-नागरिकों को इस बार स्वयं डेटा भरने की सुविधा भी दी जा रही है। अपनी पूरी जानकारी मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन भर सकेंगे।

-आपकी आर्थिक स्थिति से संबंधित इस बार ज्यादा सवाल भी जनगणना में पूछे जाएंगे। इसलिए इन प्रश्नों के सही जवाब दें।

-यह ध्यान रखें कि जनगणना के आंकड़ों के आधार पर ही सरकार विभिन्न नीतियां और विकास योजनाएं तैयार करती है, इसलिए इसका डेटा सही होना जरूरी है।

मोबाइल ऐप से होगा मकानों का सूचीकरण

चयनित जिलों में मकान सूचीकरण का कार्य मोबाइल ऐप से किया जाएगा। जनगणना करने वाले प्रगणक को जिला प्रशासन द्वारा पहचान पत्र दिया जाएगा। नागरिकों को भी प्रगणक को सही जानकारी देना अनिवार्य और बाध्यकारी है। जनगणना 2026 में हर कर्मचारी को 150 से 175 मकानों का सर्वे करना होगा। वे डिजिटल फॉर्मेट में पूरा डेटा सेव करेंगे। इस बार जनगणना डिजिटल तरीके से होने के कारण पहले से कम समय में पूरी होगी। इसकी रिपोर्ट पहले राज्य पर कंपाइल कर केंद्र सरकार को भेजी जाएगी।

1 जनवरी से फ्रीज होंगी सीमाएं

भारत के महारजिस्ट्रार और जनगणना आयुक्त ने निर्देश जारी किए हैं कि प्रदेश में प्रशासनिक सीमाओं में जो भी बदलाव करना है, वह 31 दिसंबर तक ही हो सकेगा। 1 जनवरी 2026 से 31 मार्च 2027 तक जिलों, तहसील, गांवों आदि की सीमाएं फ्रीज रहेंगी और इस दौरान कोई भी बदलाव नहीं हो सकेगा। इसके बाद शासन ने नगरीय विकास एवं आवास, वन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास और राजस्व विभाग को 31 दिसंबर तक सीमाओं में बदलाव की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी समन्वय समिति

मुख्य सचिव अनुराग जैन की अध्यक्षता में जनगणना 2027 के लिए राज्य स्तरीय जनगणना समन्वय समिति का गठन किया है। यह समिति प्रदेश में जनगणना के सुचारू एवं सफल संचालन करेगी। समिति में 12 विभागों के एसीएस, पीएस को शामिल किया गया है। निदेशक, जनगणना कार्य भोपाल को संयोजक और सदस्य सचिव बनाया है। जनगणना 2027 का काम दो चरणों में होगा। पहले में मकान सूचीकरण एवं मकानों की गणना का काम अप्रेल से सितंबर 2026 के बीच, राज्य शासन द्वारा निर्धारित 30 दिन की अवधि में पूरा किया जाएगा। दूसरे चरण में जनसंख्या की गणना 9 से 28 फरवरी 2027 की अवधि में किया जाएगा। जनगणना 2027 के लिए संदर्भ तिथि एक मार्च 2027 की रात 12 बजे होगी।