
MP News: मध्यप्रदेशसरकार विधायकों के वेतन-भत्ते और पूर्व विधायकों की पेंशन बढ़ाने के लिए प्रक्रिया कर रही है। लाड़ली बहनों(Ladli behna yojana) को मिलने वाली राशि भी बढ़ाकर 1500 रुपए प्रतिमाह कर दी है, लेकिन जिन्हें पेंशन राशि में बढ़ोतरी की सबसे ज्यादा जरूरत है, उन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। प्रदेश में बुजुर्गों, कल्याणी महिलाओं और दिव्यांगों को 600 रुपए प्रतिमाह पेंशन मिल रही है। बीते छह साल से कोई इजाफा नहीं हुआ, जबकि अन्य राज्यों में 1500 से 3200 रुपए प्रतिमाह सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिल रही है।
प्रदेश में पेंशन(Pension) पाने वाले बुजुर्ग, विधवा और नि:शक्जनों की संख्या 34 लाख 51 हजार 94 है। इनमें सबसे ज्यादा बुजुर्ग हैं। 1981 जब में सामाजिक सुरक्षा योजना शुरू हुई थी तब हितग्राहियों को 75 रुपए प्रति माह दिए जाते थे। 1996 में राशि बढ़ाकर 150 की गई। 2016 में 300 रुपए। 2019 में कांग्रेस सरकार ने इसे बढ़ाकर 600 रुपए प्रतिमाह किया था। इसके बाद से अभी तक कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। अभी सामाजिक न्याय विभाग ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि 600 रुपए से बढ़ाकर 1500 रुपए प्रतिमाह करने का प्रस्ताव शासन को भेजा है, लेकिन महीनों बाद भी इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया है।
विधायकों, पूर्व विधायकों के वेतन-भत्ते और पेंशन में इजाफा करने के लिए सरकार ने उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा की अध्यक्षता में समिति गठित की है। दो बैठकें हो चुकी हैं। वेतन-भत्ते 1.10 लाख से 60 हजार बढ़ाकर 1.70 लाख रुपए प्रति माह करने का प्रस्ताव है। स्वास्थ्य बीमा कराने का भी प्रस्ताव आ गया है। तीसरी बैठक में अंतिम फैसला होगा।
राजस्थान में सामाजिक सुरक्षा पेंशन 60-69 वर्ष के लोगों को 1500 रुपए, 70 से अधिक आयु वालों को 2000 रुपए प्रति माह मिलती है। दिल्ली में विधवा और तलाकशुदा महिलाओं को 2500 रुपए प्रतिमाह पेंशन दी जाती है। बिहार में पहले बुजुर्गों को 400 रुपए प्रतिमाह पेंशन थी। अब बढ़ाकर 1100 रुपए कर दिया गया है। हरियाणा सरकार बुजुर्गों को 3200 रुपए प्रतिमाह वृद्धावस्था सम्मान भत्ता देती है। विधवा एवं निराश्रित महिला पेंशन 1600 रुपए प्रतिमाह है।
मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि 496 करोड़ बचाने के लिए बुजुर्गों, कमजोरों के साथ विश्वासघात किया जा रहा है। सरकार इनके हितों के खिलाफ काम कर रही है। कमलनाथ सरकार में पेंशन 300 से बढ़ाकर 600 की गई थी। उसके बाद भाजपा सरकार ने इसे बढ़ाने के बजाय इसके भुगतान को ही महीनों से रोक दिया। पटवारी ने कहा कि बुजुर्गों का पैसा सरकार की कृपा नहीं, बल्कि यह उनका अधिकार है। भाजपा सरकार हर साल हजारों करोड़ का कर्ज ले रही है। वह पैसा कल्याणकारी योजनाओं में न जाकर महंगी गाड़ियों, मंत्री के आवासों के रेनोवेशन, वीआइपी सुविधाओं और महंगे इवेंट में खर्च किया जा रहा है।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि बढ़ाने पर सरकार विचार कर रही है।इस पर जल्द फैसला होने की उम्मीद है। - सोनाली वायगांणकर, प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय विभाग
Updated on:
16 Nov 2025 02:10 pm
Published on:
16 Nov 2025 09:09 am

