PKC- मध्यप्रदेश में कई गांवों का अस्तित्व समाप्त होने की कगार पर है। यहां के हजारों मकान, दुकान मिट्टी में मिल जाएंगे। ये गांव नक्शे से हमेशा के लिए मिट जाएंगे। पार्वती कालीसिंध चंबल लिंक प्रोजेक्ट के कारण यह स्थिति निर्मित हो रही है।
प्रोजेक्ट के तहत गुना जिले में बांध बनाया जाना है जिसमें अनेक गांव डूब जाएंगे। हालांकि गांवों के लोग इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं। स्थानीय निवासियों का मानना है कि यहां की जमीनें बेहद उपजाऊ है जिसे दूसरे राज्य यानि राजस्थान के हित में बर्बाद करने की कोशिश की जा रही है। यही कारण है कि ग्रामीण यहां से हटने के लिए तैयार नहीं हैं और साफ कह रहे हैं कि बांध के लिए वे अपने पुश्तैनी मकान, खेत-खलिहान, जमीनें नहीं छोड़ेंगे। ग्रामीण और किसान संगठन यहां बड़े बांध के स्थान पर छोटे स्टॉप डैम बनाने की वकालत कर रहे हैं।
पार्वती कालीसिंध चंबल लिंक प्रोजेक्ट यानि पीकेसी नदियों को जोड़ने का अहम प्रोजेक्ट है। इसके लिए एमपी, राजस्थान और केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय के बीच करार हुआ है। पीकेसी प्रोजेक्ट के अंतर्गत मध्यप्रदेश के 6 लाख हेक्टेयर से ज्यादा खेतों में सिंचाई हो सकेगी। प्रदेश के 11 जिलों को भरपूर पानी मिलेगा। इनमें आगर-मालवा, देवास, इंदौर, गुना, मुरैना, मंदसौर, राजगढ़, शिवपुरी, शाजापुर, उज्जैन और सीहोर शामिल हैं।
72 हजार करोड़ रुपए के पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक प्रोजेक्ट में कुल 21 बांध और बैराज बनेंगे। प्रोजेक्ट को 5 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक प्रोजेक्ट में बननेवाले अनेक बांधों में एक गुना के घाटाखेड़ी में बनना प्रस्तावित है। चांचौड़ा विधानसभा में बननेवाले इस बांध में इलाके के पूरे 16 गांव डूब जाएंगे। यहां के मकान, दुकान, खेत खलिहानों का अस्तित्व पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा। गांवों की करीब 9 हजार हैक्टेयर उर्वर जमीन पानी में डूब जाएगी।
हालांकि गांवों के लोग इसका विरोध कर रहे हैं। प्रस्तावित बांध के विरोध में इन गांवों के लोगों ने बीनागंज में 10 सितंबर को जोरदार रैली निकाली। ग्रामीणों का कहना है कि 16 गांवों में रहनेवाले करीब 22 हजार लोगों को विस्थापन करना होगा जो हमें कतई मंजूर नहीं है।
Published on:
21 Sept 2025 07:13 pm