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कहने को नेशनल हाईवे, आम सडक़ से भी खराब स्थिति

रेलिंग उखड़ी नाममात्र को बचे डिवाइडर, ट्रैफिक सिग्नल लगाकर भूले जिम्मेदार

भिवाड़ी. औद्योगिक क्षेत्र में सडक़ सुरक्षा की स्थिति गड़बड़ है। इसलिए आए दिन सडक़ हादसे होते हैं। रेवाड़ी पलवल हाईवे मौत का सफर है। इसकी स्थिति सामान्य सडक़ से भी खराब है। चार किमी के सफर में सडक़ उखड़ी हुई है। डिवाइडर खत्म हो चुके हैं और रेलिंग उखड़ चुकी हैं। अगर कोई वाहन एक तरफ से दूसरी तरफ लाइन में तेज गति से घुस जाए तो बड़ा हादसा हो सकता है। तेज गति वाहन के अनियंत्रित होने के लिए डिवाइडर नहीं बचे हैं। कहीं सडक़ से कुछ इंच ऊंचे तो कहीं सडक़ में धंसे हुए डिवाइडर के प्रतीक चिन्ह ही बचे हैं। इसके साथ ही औद्योगिक क्षेत्र हो या फिर आबादी से गुजरने वाले मुख्य रास्ते, यहां पर श्रमिकों को परिवहन करने वाली बस हों या फिर माल वाहक वाहन सडक़ किनारे खड़े रहते हैं। वाहनों के सडक़ पर खड़े होने से ओवरटेक करते समय टकराने और भीषण सडक़ हादसे की आशंका बनी रहती है। कई स्थल ऐसे हैं जहां पर शहर की मुख्य सडक़ों को पार्किंग की तरह उपयोग किया जा रहा है। सडक़ पर पार्किंग की रोकटोक नहीं होने से अब यह परंपरा भी बढ़ती जा रही है।