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भीलवाड़ा में 8 महीने में 43 लोगों ने की आत्महत्या, 16 लोग परिवार में अकेले कमाने वाले, 8 परिवारों के इकलौते चिराग बुझे

World Suicide Day: विश्व आत्महत्या दिवस पर चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। सिर्फ 8 महीने में 43 लोगों ने तनाव और कर्ज से जकड़ी जिंदगी से तंग आकर जान दी। इनमें 16 ऐसे थे, जिनके परिवार में वही अकेले कमाने वाले थे, जबकि 8 परिवारों ने अपने इकलौते चिराग को खो दिया।

World Suicide Day
8 महीने में 43 लोगों ने की आत्महत्या (फोटो पत्रिका नेटवर्क)

World Suicide Day: भीलवाड़ा जिले में इस साल अगस्त 2025 तक 43 लोगों ने आत्महत्या कर ली, यह हालात चिंताजनक हैं। इनमें से 16 लोग अपने परिवार में अकेले कमाने वाले थे और 8 परिवार के इकलौते चिराग।


तस्वीर साफ है कि आर्थिक और सामाजिक दबाव के चलते परिवार के सबसे महत्वपूर्ण सदस्यों पर कितना बोझ पड़ रहा। आत्महत्या के पीछे मुख्य वजह अवसाद है। कर्ज का बोझ और भारी ब्याज चुकाने में असमर्थता अवसाद का कारण बन रहा है। जुए-सट्टा और नशे की लत जिंदगी पर भारी पड़ रही है। पत्नी और बच्चों का कहना न मानना, परिवार में समस्याएं, मेहनत के बावजूद सही फल न मिलना और परीक्षा में असफलता में मौत को गले लगाया जा रहा है।


चुप्पी तोड़ें और मदद लें, आत्महत्या कलंक नहीं


चिकित्सकों का मानना है कि सबसे बड़ी समस्या यह है कि समाज आत्महत्या जैसे संवेदनशील मुद्दे पर खुलकर बात नहीं करता। इसे आज भी कलंक माना जाता है, इसकी वजह से पीड़ित परिवार अक्सर इसे छिपाने की कोशिश करते हैं। पुलिस रिकॉर्ड में भी कई मामले दर्ज नहीं हो पाते, जिससे असल आंकड़े और भी भयावह हो सकते हैं। अगर आपके मन में या आपके किसी परिचित के मन में आत्महत्या के विचार आ रहे हैं, तो तुरंत मदद लें।


क्या कहते हैं आंकड़े

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, भारत में आत्महत्या की दर लगातार बढ़ रही है। 2017 में 1,29,887 आत्महत्याएं (प्रति लाख 9.9 की दर)। 2021 में यह संख्या बढ़कर 1,64,033 हो गई थी। यह बताता है कि यह सिर्फ भीलवाड़ा की नहीं बल्कि पूरे देश की समस्या है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया में हर 40 सेकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करता है।


'मानसिक स्वास्थ्य सलाहकार से परामर्श लें'


मन में आत्महत्या का विचार आए तो किसी मनोचिकित्सक या मानसिक स्वास्थ्य सलाहकार से परामर्श लें। राजस्थान सरकार का टोल-फ्री नंबर 1800-180-0018 पर संपर्क किया जा सकता है। आत्महत्या को रोकना हम सबकी जिम्मेदारी है। जरूरत है कि हम मानसिक स्वास्थ्य को लेकर खुली चर्चा करें और मदद मांगने वालों को सहारा दें।
-डॉ. प्रियंक जैन, मनोरोग विशेषज्ञ, एमजीएच, भीलवाड़ा