
भीलवाड़ा जिले में सर्दी के बढ़ते असर के साथ रबी सीजन की बुवाई ने रफ्तार पकड़ ली है। भीलवाड़ा जिले में सुबह और शाम के समय ठंड का अहसास शुरू हो गया है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यह मौसम गेहूं की फसल के लिए अनुकूल है। जैसे-जैसे तापमान में गिरावट दर्ज हो रही है, वैसे ही खेतों में बुवाई का काम तेज हो गया है।
3.64 लाख हैक्टेयर में रबी फसलों की बुवाई का लक्ष्य
कृषि विभाग के अनुसार इस वर्ष भीलवाड़ा जिले में रबी फसलों की बुवाई का लक्ष्य 3.64 लाख हैक्टेयर निर्धारित किया गया है। इसमें 50 हजार हैक्टेयर में सरसों, और 1.75 लाख हैक्टेयर में गेहूं की बुवाई का लक्ष्य रखा गया है। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार सरसों की बुवाई शत-प्रतिशत पूर्ण हो चुकी है, जबकि अब तक करीब 15 हजार हैक्टेयर में गेहूं की बुवाई हो गई है।
सर्दी बढ़ते ही तेज होगी बुवाई
कृषि अधिकारियों का कहना है कि जैसे-जैसे तापमान घटेगा, गेहूं की बुवाई की रफ्तार भी बढ़ेगी। संयुक्त निदेशक कृषि वी.के. जैन के अनुसार गेहूं की बुवाई के लिए लगभग 20 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान आदर्श रहता है। नवंबर महीना बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त समय है।
खाद की कोई कमी नहीं
किसानों को इस बार खाद की उपलब्धता को लेकर किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। जैन ने बताया कि जिले में डीएपी और यूरिया दोनों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता है। किसानों को खाद वितरण में किसी तरह की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।
गेहूं पर किसानों का भरोसा कायम
प्रदेश के किसानों का रुझान अब भी गेहूं की फसल की ओर सबसे अधिक है। कारण इस फसल की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सरकारी खरीद नियमित रूप से होती है। इससे किसानों को हर वर्ष अच्छा लाभ मिलता है। इस बार बरसात बेहतर रहने और मेजा बांध की नहर छोड़ने की घोषणा के बाद किसानों ने गेहूं की बुवाई पर ज्यादा जोर देना शुरू कर दिया है। कृषि विभाग के अनुसार, गेहूं की बुवाई पूरे नवंबर महीने तक जारी रहेगी।
गेहूं से किसानों को करोड़ों की आमदनी
गेहूं को प्रदेश में मुख्य नकदी फसल माना जाता है। पिछले कुछ वर्षों में एमएसपी पर हुई खरीदी से किसानों को हर वर्ष करोड़ों रुपए की आमदनी हुई है। भीलवाड़ा में भी गेहूं की उपज और सरकारी खरीद के कारण किसानों का भरोसा इस फसल पर कायम है।
मौसम पूरी तरह अनुकूल
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, इस वर्ष का मौसम पैटर्न रबी फसलों के लिए आदर्श है। दिन का तापमान धीरे-धीरे कम हो रहा है और रातें ठंडी होने लगी हैं। ऐसे हालात गेहूं के अंकुरण और विकास के लिए सर्वोत्तम हैं, विशेषज्ञों का कहना है कि यदि नवंबर में तापमान 18-20 डिग्री के बीच बना रहा, तो जिले में गेहूं उत्पादन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
Published on:
10 Nov 2025 09:26 am

