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राजस्थान में फिर नवजात पर क्रूरता: गड्ढे में फेंका…मिट्टी-गोबर में सना मिला शव, सवा महीने में तीसरी घटना ने झकझोरा

भीलवाड़ा जिले के सालरिया गांव में नवजात शिशु को पानी से भरे गड्ढे में फेंक दिया गया। उसका दो दिन पुराना शव सोमवार को मिला। नवजात का जन्म दो दिन पहले ही हुआ था। माना जा रहा है कि जन्म के तत्काल बाद उसे फेंका गया। सवा महीने में नवजात को फेंकने की यह तीसरी घटना है।

Rajasthan
घटना स्थल पर मौजूद लोग (फोटो- पत्रिका)

कोटड़ी (भीलवाड़ा): हे मां…मेरा कसूर क्या था। जन्म के बाद मुझे आंचल नसीब होना था। मिली मुझे गडढ़े में भरे पानी में मौत। इतनी क्रूरता मेरे साथ। यह सोचकर भी किसी की रूह कांप जाए, जिस बच्चे के लिए मां-बाप लाखों मन्नतें मांगते हैं। दर-दर भटक कर दुआएं करते हैं। तूने जन्म देने के बाद पलभर में मौत की नींद सुला दिया।


इस ममता को शर्मसार कर देने वाली घटना को जिसने देखा और सुना हैरान रह गया। सवाईपुर क्षेत्र के सालरिया गांव में नवजात शिशु को पानी से भरे गड्ढे में फेंक दिया गया। शिशु का दो दिन पुराना शव सोमवार को मिला। नवजात का जन्म दो दिन पूर्व ही हुआ था। माना जा रहा है कि जन्म के बाद उसे फेंका गया। सवा महीने में जिले में तीसरे नवजात को फेंका गया है। इससे पहले दो नवजात शिशु जिंदा मिले थे।


जानकारी के अनुसार, सालरिया गांव में लखमणियास रोड पर चंबल परियोजना की पेयजल टंकी है। देबी सिंह दरोगा टंकी से पेयजल आपूर्ति करने के लिए पहुंचा। वहां उसने टंकी के पास सड़क किनारे गडढ़े में नवजात शिशु का शव देखा। बड़ी संख्या में ग्रामीण वहां जमा हो गए। सूचना पर कोटड़ी थाना पुलिस भी वहां पहुंची।


रोड़ी बना रखी थी, गोबर डाला जाता था


जिस जगह बालक का शव मिला। वहां ग्रामीणों ने रोड़ी बना रखी थी। वहां गोबर डाला जाता था। बच्चे को फेंकने के लिए भी इसी का फायदा उठाया। बच्चे को पहले गोबर से लेपा गया। उसके बाद उसे रोड़ी में फेंक दिया गया। रोड़ी में पानी भरा हुआ था। इससे नवजात की डूबने से मौत हो गई।


शव दो दिना पुराना होने से फूल गया था। गोबर और मिट्टी से शव सना हुआ था। एएसआई कैलाश चंद्र प्रजापत ने शव को कोटड़ी मोर्चरी में रखवाया। कोटड़ी थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया है। बच्चे का पता लगाने के लिए ग्रामीणों से पूछताछ की जा रही।


23 सितम्बर : मुंह में पत्थर भरे, फेवीक्विक चिपका कर छोड़ा


बिजौलिया क्षेत्र के सीताकुंड के निकट एक पखवाड़े पहले हुए नवजात बालक के मुंह में पत्थर ठूंसकर होठों पर फेवीक्विक लगाकर पत्थर के नीचे दबा दिया गया। गनीमत रही कि समय पर ग्रामीणों को इसका पता लग गया। इससे बालक की जान बच गई। मांडलगढ़ थाना पुलिस ने युवती और युवती के पिता को गिरफ्तार किया था।


31 अक्टूबर : फूल को कांटों में फेंक गए


गुलाबपुरा क्षेत्र के दौलतपुरा गांव के निकट खेत के रास्ते पर बालक को झाड़ियों में फेंक दिया। झाड़ियों में फेंकने से बच्चे के शरीर पर कांटों के कारण जगह-जगह खरोंच के निशान हो गए। उसे गंभीर हालत में मातृ एवं शिशु चिकित्सालय की गहन शिशु चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया।