गैर-ऑडिट मामलों में आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर तय की गई है। ऐसे करदाता जिन्होंने अभी तक रिटर्न नहीं भरा है, वे समय रहते इसे अवश्य भरें। निर्धारित समय सीमा के बाद दाखिल किए गए रिटर्न पर लेट फीस और बकाया टैक्स पर ब्याज देना होगा। आयकर विभाग समय सीमा के बाद रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं को नोटिस भी जारी कर सकता है।
सीए पीरेश जैन का कहना है कि आयकर रिटर्न आपकी आय और टैक्स कंप्लायंस का प्रमाण है। यदि टीडीएस या अग्रिम कर अधिक जमा हो गया है तो रिफंड पाने के लिए आईटीआर जरूरी है। इसके अलावा संपत्ति खरीद-बिक्री, कानूनी विवादों और बीमा क्लेम में भी यह मजबूत दस्तावेज है। आयकर रिटर्न दाखिल करना सिर्फ कानूनी जिम्मेदारी ही नहीं, बल्कि करदाताओं को कई परेशानियों और दंड से बचाने का साधन भी है। सभी करदाता 15 सितंबर से पहले अपना रिटर्न अवश्य दाखिल करें।
देर से रिटर्न भरने पर यह होगा असर
लेट फीस: 5 हजार रुपए तक का जुर्माना लगेगा।
ब्याज: बकाया टैक्स पर ब्याज देना होगा।
हानियों का नुकसान: शेयर बाजार निवेश या व्यापारिक हानि को अगले साल कैरी फॉरवर्ड नहीं कर पाएंगे।
रिटर्न भरते समय रखें ये सावधानियां
किन्हें रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है
Published on:
14 Sept 2025 08:50 am