
CG News: छत्तीसगढ़ के भिलाई जिले में भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी) की टाउनशिप में अवैध कब्जों का जाल गहराता जा रहा है। करीब सवा पांच हजार आवास कब्जे में हैं और इनमें से ज्यादातर मकान किराए पर चल रहे हैं। बीएसपी को हर साल करीब छह करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
नगर सेवाएं विभाग के पास आवासों के रख-रखाव की जिम्मेदारी है, लेकिन विभाग के अधिकारी कब्जा मुक्त कराने के बजाय किराए पर चल रहे मकानों पर आंख मूंदे बैठे हैं। सूत्रों का कहना है कि अधिकारियों की मिलीभगत से यह गोरखधंधा वर्षों से चल रहा है।
टाउनशिप के जिन आवासों पर कब्जा है, उनमें से करीब 90 प्रतिशत मकान किराए पर चल रहे हैं। कुछ आवासों पर राजनीतिक संरक्षण भी बताया जा रहा है। नगर सेवाएं विभाग केवल उन्हीं मकानों को खाली करवाता है, जिनका मामला कोर्ट से आदेशित होता है। बाकी जगह के लिए ‘नोटिस प्रक्रिया’ सिर्फ कागजों पर चल रही है।
कुल सेक्टर 16 कुल आवास 35,338 एलॉटेड आवास 15,000 लाइसेंस योजना के आवास 1,370 लीज पर आवास 4,500 खाली आवास 4,000 अनफिट आवास 4,000
जानकारों के मुताबिक यदि बीएसपी कब्जे वाले आवासों को खाली करवाकर वैध रूप से 11 माह के लिए किराए पर दे, तो माहवार 5,000 रुपए के हिसाब से सालाना 30 करोड़ रुपए तक का राजस्व अर्जित किया जा सकता है। लोग एडवांस में किराया जमा करने को तैयार रहते हैं।
इस संदर्भ में नगर सेवा विभाग नियमानुसार कार्रवाई करता रहा है। इसमें अवैध कब्जा करने वालों को विभाग की ओर से नोटिस जारी करना शामिल है।
खाली बीएसपी मकानों को 5,000 रुपए माह तक किराए में दिया जा रहा है। कुछ एजेंट अनफिट आवासों को भी किराए पर देकर सालाना 30 करोड़ रुपए तक की अवैध कमाई कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि विभागीय मिलीभगत के बिना यह संभव नहीं है।
कब्जाधारी हर महीने औसतन 600 रुपए की बिजली खपत कर रहे हैं। इस तरह बीएसपी पर महीने में 31 लाख रुपए और सालभर में करीब 3.78 करोड़ रुपए का बिजली बिल आ रहा है। कई घरों में खाना बनाने के लिए इंडक्शन और हीटर जैसे उपकरणों इस्तेमाल होते हैं।
नगर सेवाएं विभाग कब्जाधारियों को नियमित नोटिस तक नहीं भेज रहा। कई बार ‘अनफिट घोषित आवासों’ को भी एजेंटों के जरिए किराए पर चढ़ा दिया जाता है। अधिकारी सिर्फ उन्हीं मकानों को खाली करवाते हैं, जिन पर कोर्ट से आदेश आता है।
Updated on:
30 Oct 2025 01:51 pm
Published on:
30 Oct 2025 01:50 pm


