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साइबर अपराधियों ने सरकारी जमीन को बनाया निशाना, फर्जी बटांकन से बैंक लोन की साजिश उजागर…. नाबालिग समेत 7 गिरफ्तार

Bhilai News: दुर्ग पुलिस ने सरकारी जमीनों के फर्जी बटांकन के जरिए लाखों रुपए का बैंक लोन निकालने वाले एक संगठित साइबर गिरोह का भंडाफोड़ किया है। गिरोह भुइयां पोर्टल में अवैध छेड़छाड़ कर राजस्व अभिलेखों में मनचाहा बदलाव करता था।

7 गिरफ्तार (File- Photo)
7 गिरफ्तार (File- Photo)

Crime News: दुर्ग पुलिस ने भुइयां पोर्टल में अवैध छेड़छाड़ कर सरकारी जमीनों का कूटरचित बटांकन तैयार कर करोड़ों रुपए का बैंक लोन निकालने वाले संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस साइबर-अपराध में शामिल एक नाबालिग समेत कुल सात आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।

पुलिस के अनुसार, गिरोह पटवारी का यूजर आईडी, पासवर्ड और ओटीपी अपने जाल में फंसे लोगों से हासिल करता था, जिसके जरिए ऑनलाइन राजस्व अभिलेखों में बड़े पैमाने पर हेरफेर की जा रही थी। ग्रामीण एएसपी अभिषेक झा ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि फरार आरोपी कौशल फेकर, शिवचरण कौशल, ओमप्रकाश निषाद, कोमल साहू, देवानंद साहू और नाबालिग को पकड़ा गया है।

रकबा बढ़ाकर तैयार किए गए फर्जी खसरे

एएसपी ने बताया कि आरोपियों ने मुरमुंदा, अछोटी, बोरसी, चेटूआ सहित कई गांवों की सरकारी एवं निजी भूमि में ऑनलाइन छेड़छाड़ कर अवैध रूप से रकबा बढ़ाया। फर्जी खसरा नंबर तैयार कर इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर विभिन्न बैंकों से लोन लिया जा रहा था।

पटवारी के आईडी से फर्जी बटांकन, 30 लाख का लोन

तहसीलदार अहिवारा राधेश्याम वर्मा ने 13 अगस्त को थाना नंदनी नगर में शिकायत दर्ज कराई थी कि हल्का नंबर-16 के ग्राम अछोटी और मुरमुंदा के भुइयां सॉफ्टवेयर को हैक कर फर्जी बटांकन किया गया। इसी रिकॉर्ड के आधार पर भारतीय स्टेट बैंक, नंदिनी नगर शाखा से 30 लाख रुपए का लोन ले लिया गया। जांच में पता चला कि मुख्य आरोपी दिनूराम यादव ने भी 36 लाख रुपए का धोखाधड़ीपूर्ण लोन लिया था। रकम को कई खातों में बांटे जाने का खुलासा हुआ, जिनमें 20 लाख 26 हजार 547 रुपए नंदकिशोर साहू के खाते में ट्रांसफर मिले।

तीन थानों में अलग-अलग प्रकरण दर्ज

  • नंदनी नगर: अपराध क्रमांक 201/2025
  • कुम्हारी: अपराध क्रमांक 154/2025
  • अमलेश्वर: अपराध क्रमांक 101/2025

इनमें बीएनएस की विभिन्न धाराओं और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की गई। सबसे पहले आरोपी एनके साहू, अमित कुमार मौर्य और गणेश तबोली को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में पता चला कि अशोक उरांव द्वारा पटवारी का यूजर आईडी-पासवर्ड और ओटीपी उपलब्ध कराया जाता था।

संगठित अपराध की धारा भी जोड़ी गई

अशोक उरांव की निशानदेही पर पुलिस ने अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया। गिरोह के खिलाफ संगठित अपराध की धारा 111(2) एवं 61(2) बीएनएस भी जोड़ी गई है। अन्य फरार आरोपियों की तलाश जारी है।

ऐसे की जाती थी भुइयां पोर्टल में हेराफेरी

एएसपी के अनुसार, पूछताछ में सामने आया कि संजय वर्मा ने मुरमुंदा पटवारी के सहायक के रूप में कार्यरत एक नाबालिग को बहला-फुसला कर लॉगिन विवरण प्राप्त किया। इन्हें रायपुर के कोमल साहू के जरिए कौशल फेकर, ओमप्रकाश निषाद, देवानंद साहू और शिवचरण कौशल तक पहुंचाया जाता था, जो ऑनलाइन पोर्टल में फर्जी प्रविष्टियां करते थे।