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भारत की नर्मदा घाटी के नाम से जाना जाएगा एस्टेरायॅड का एक हिस्सा

लूसी मिशन: एस्टेरॉयड 'डॉनल्ड जोहान्सन' के हिस्सों का हुआ नामकरण

भारत

ANUJ SHARMA

Sep 18, 2025

वाशिंगटन. नासा के लूसी मिशन ने गहरे अंतरिक्ष में स्थित एस्टेरॉयड (क्षुद्रग्रह) 'डॉनल्ड जोहान्सन' की सतह पर एक महत्वपूर्ण क्षेत्र का नाम भारत की नर्मदा घाटी के नाम पर रखा है। अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ (आइएयू) ने हाल में इस क्षुद्रग्रह की सतह की विशेषताओं को आधिकारिक नाम देने की मंजूरी दी है। इस एस्टेरॉयड पर कई हिस्सों के नाम उन जगहों पर आधारित हैं, जहां मानव विकास और प्राचीन जीवाश्मों की महत्वपूर्ण खोजें हुई हैं। इसी श्रेणी में ‘नर्मदा’ नाम रखा गया है, जहां होमो इरेक्टस नर्मदेंसिस के जीवाश्म मिले थे। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह नाम मानव इतिहास और अंतरिक्ष अन्वेषण के बीच प्रतीकात्मक संबंध दर्शाते हैं। यह बताता है कि धरती पर हुई खोजें और ब्रह्मांडीय यात्राएं आपस में जुड़ी हुई हैं।

क्या है यूसी मिशन का लक्ष्य

लूसी मिशन ने अप्रैल में इस एस्टेरॉयड का दौरा किया था। इस एस्टेरॉयड का नाम 2015 में डॉनल्ड जोहान्सन के सम्मान में रखा गया था, जिन्होंने ‘लूसी’ नामक महिला होमिनिन के जीवाश्म की खोज की थी। जैसे लूसी जीवाश्म मानव विकास की समझ में क्रांति लाया, वैसे ही लूसी मिशन का उद्देश्य बृहस्पति के साथ कक्षा साझा करने वाले कम से कम आठ ट्रोजन एस्टेरॉयड का अध्ययन कर सौर मंडल के विकास की हमारी समझ में नई क्रांति लाना है।

और भी क्षेत्रों को मिले नाम

नर्मदा के अलावा सतह पर अन्य क्षेत्रों को भी नाम दिए गए हैं, जैसे अफार लोबस (इथियोपिया), ओल्डुवाई लोबस (तंजानिया), विंडोवर कॉलम (अमरीका) आदि जो सभी मानव उत्पत्ति और पुरातत्व की दृष्टि से महत्वपूर्ण माने जाते हैं।