Bihar Chunav: चुनावी रणभूमि बना बेगूसराय, एक ही दिन अमित शाह का सम्मेलन और तेजस्वी की अधिकार यात्रा बिहार विधानसभा चुनाव में भले अभी वक्त बाकी हो, लेकिन सियासी पारा तेज़ी से चढ़ चुका है। नेताओं के लगातार दौरों ने यह साफ कर दिया है कि इस बार की जंग रोमांचक होने वाली है। खासकर बेगूसराय की सात विधानसभा सीटें पहले से ही ‘हॉट सीट’ बनी हुई हैं। यही वजह है कि गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक ही दिन बेगूसराय में अपनी-अपनी सियासी बिसात बिछाने रहे हैं।
अमित शाह दोपहर 2 बजे आईओसीएल मैदान में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करेंगे। बिहार को पांच हिस्सों में बांटकर बीजेपी पहले ही रणनीति बना चुकी है और अब शाह पार्टी कार्यकर्ताओं को जीत का ‘मंत्र’ देने आए हैं। पीएम मोदी हाल ही में बिहार का दौरा कर चुके हैं और कई योजनाओं का ऐलान कर चुके हैं। जेपी नड्डा भी कुछ दिन पहले पटना आए थे, वहीं अब शाह का दौरा साफ संकेत देता है कि बीजेपी इस चुनाव को लेकर पूरी ताकत झोंकने जा रही है।
इस बीच, तेजस्वी यादव भी गुरुवार सुबह बिहार अधिकार यात्रा के तहत बेगूसराय पहुंचे, जहां उन्होंने कहा कि यह यात्रा बिहार को बेहतर बनाने के लिए है। सरकार बदलने वाली है, सभी तैयार रहें। इस दौरान उन्होंने सरकार पर हमला बोला और यात्रा में आने के लिए लोगों का आभार जताया। इस बीच, बेगूसराय के मटिहानी विधानसभा से जदयू के पूर्व विधायक और कद्दावर नेता नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह ने राजद में शामिल होकर जदयू को पहले ही झटका दे दिया है। बोगो सिंह पिछला चुनाव बहुत कम अंतर से हारे थे और तभी से नाराज चल रहे थे। उनका राजद में आना जदयू के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
लेकिन बोगो सिंह की एंट्री से महागठबंधन में दरार भी दिखने लगी है। सीपीएम और कांग्रेस पहले ही विरोध जता चुके हैं। दरअसल, पिछली बार इस सीट से सीपीएम के राजेंद्र सिंह मामूली अंतर से हारे थे। ऐसे में राजद अगर बोगो सिंह को टिकट देती है तो महागठबंधन की अंदरूनी खींचतान और बढ़ सकती है।
मटिहानी सीट पर एनडीए की ओर से भी पेंच फंसा हुआ है। यहां वर्तमान में जेडीयू के विधायक राजकुमार सिंह हैं, जिनका मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अच्छा तालमेल माना जाता है। दूसरी तरफ चिराग पासवान भी इस सीट पर अपने उम्मीदवार को उतारना चाहते हैं। अगर ऐसा हुआ तो सीट बंटवारे को लेकर एनडीए में भी घमासान होना तय है।
बेगूसराय को कभी ‘पूरब का लेनिनग्राद’ कहा जाता था, जहां वामदलों की पकड़ मजबूत थी। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। बीजेपी, जेडीयू, राजद और लोजपा सभी दल यहां पूरी ताकत झोंक रहे हैं। अमित शाह और तेजस्वी का एक ही दिन बेगूसराय दौरा इस बात का सबूत है कि यह जिला बिहार चुनाव की सबसे बड़ी सियासी प्रयोगशाला बनने जा रहा है।
Updated on:
18 Sept 2025 01:39 pm
Published on:
18 Sept 2025 01:38 pm