
Hair Regrowth Naturally|फोटो सोर्स – Freepik
Natural Remedies for Hair Loss: आजकल बदलती लाइफस्टाइल, स्ट्रेस और गलत हेयर-केयर आदतों की वजह से बाल झड़ना एक आम समस्या बन गई है। कई लोग महंगे प्रोडक्ट्स और ट्रीटमेंट्स आजमाते हैं, लेकिन अक्सर इनका असर लंबे समय तक नहीं टिकता। अच्छी बात ये है कि कुछ साधारण-सी प्राकृतिक चीजें रोजमर्रा की दिनचर्या में शामिल कर ली जाएं, तो बालों का झड़ना काफी हद तक कम किया जा सकता है। ये तरीके न सिर्फ स्कैल्प को पोषण देते हैं, बल्कि जड़ों को भी मजबूत बनाकर गंजेपन का खतरा घटाते हैं।
रोजाना 5–10 मिनट सिर पर हल्के हाथों से तेल की मालिश करना आपके बालों के लिए बेहद फायदेमंद है। इससे स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिससे जड़ों तक पोषण पहुंचता है और बालों की ग्रोथ तेज होती है।नियमित मसाज से रूखापन, टूटना और डैंड्रफ जैसी समस्याओं में भी काफी राहत मिल सकती है।
प्याज का रस लंबे समय से हेयर फॉल रोकने में एक लोकप्रिय घरेलू नुस्खा रहा है। इसमें मौजूद सल्फर बालों की जड़ों को रिवाइव करने में मदद करता है। स्कैल्प पर प्याज का रस लगाने से बाल मज़बूत होते हैं और जहां बाल पतले हो रहे हों, वहां नए बाल उगने की संभावना बढ़ जाती है। सप्ताह में 2–3 बार इस्तेमाल करने से अच्छे परिणाम मिलते हैं।
नींबू में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो बालों को टूटने और झड़ने से बचाते हैं।इसका रस स्कैल्प को साफ रखता है तथा अतिरिक्त तेल, डैंड्रफ और जमा गंदगी को हटाता है। साफ स्कैल्प पर बाल मजबूत होते हैं और झड़ना कम होता है।ध्यान रखें कि नींबू को सीधे लगाने के बजाय हमेशा पानी या तेल में मिलाकर ही उपयोग करें।
अगर बाल लगातार रूखे, बेजान और डैंड्रफ से घिरे रहते हैं, तो एलोवेरा जेल बेहद असरदार हो सकता है। इसके एंटी-बैक्टीरियल गुण स्कैल्प को इन्फेक्शन से बचाते हैं और बालों को नेचुरल मॉइस्चर प्रदान करते हैं। नियमित रूप से एलोवेरा लगाने से बाल मुलायम होने के साथ-साथ उनकी ग्रोथ भी बेहतर होती है।
फिश ऑयल ओमेगा-3 फैटी एसिड का बेहतरीन स्रोत है, जो बालों के पोर्स को पोषण देता है और उन्हें मजबूत बनाता है।फिश ऑयल कैप्सूल या आहार में फिश शामिल करने से स्कैल्प की इंफ्लेमेशन कम होती है और हेयर फॉल रुकने लगता है।नियमित सेवन से बाल ज्यादा घने और हेल्दी दिखते हैं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Published on:
07 Dec 2025 01:10 pm
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