Rajasthan News: राजस्थान के बाड़मेर जिले में भाजपा नेता स्वरूप सिंह खारा एक बार फिर चर्चा में हैं। शिव विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद उनकी सक्रियता और प्रभाव ने उन्हें क्षेत्र में कथित तौर पर 'पावर सेंटर' के रूप में स्थापित किया है। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पोस्टर वायरल हुआ, जिसमें खारा को ‘शिव का विधायक’ बताया गया।
इस पोस्टर ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। यह पोस्टर किसी शरारती तत्व की करतूत है या सरकारी प्रतिनिधियों की चूक, यह सवाल चर्चा का केंद्र बना हुआ है। हालाँकि राजस्थान पत्रिका इस वायरल पोस्टर की पुष्टि नहीं करता है।
दरअसल, शिव विधानसभा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी रविन्द्र सिंह भाटी ने पिछले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। इसके बावजूद स्वरूप सिंह खारा की विधानसभा क्षेत्र में सक्रियता और सरकार के साथ उनके तालमेल के कारण आज भी वो प्रभावशाली बने हुए हैं।
बताते चलें कि भजनलाल सरकार बनने के बाद भाजपा ने न केवल अपने विधायकों को, बल्कि हारे हुए प्रत्याशियों को भी क्षेत्र का प्रतिनिधि मानकर महत्व दिया है। इसका उदाहरण बाड़मेर जिले में देखने को मिलता है, जहां बायतु में भाजपा प्रत्याशी बालाराम मूंढ और जिला मुख्यालय पर दीपक कड़वासरा को सरकारी आयोजनों और जनहित के कार्यों में तवज्जो दी जा रही है।
वहीं, अब वायरल पोस्टर ने इस चर्चा को और हवा दी है। पोस्टर में खारा को ‘शिव विधायक’ बताने से कई सवाल उठे हैं। क्या यह किसी अतिउत्साही कार्यकर्ता की शरारत है या फिर पोस्टर बनाने वाले को यह जानकारी ही नहीं थी कि शिव का विधायक कौन है? यह घटना लोकतंत्र में जनता के फैसले के सम्मान पर भी सवाल उठाती है।
सोशल मीडिया पर इस पोस्टर को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कुछ लोग इसे महज गलती मान रहे हैं तो कुछ इसे सियासी नाटक का हिस्सा बता रहे हैं।
हालांकि, शिव विधानसभा सबसे ज्यादा चर्चा में है। यहां रविन्द्र सिंह भाटी के विधायक होने के बावजूद स्वरूप सिंह खारा की सक्रियता के चलते वो लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। उन्होंने न केवल शिव, बल्कि पूरे बाड़मेर-जैसलमेर क्षेत्र में पावर सेंटर के रूप में उभरे हैं। उनके निवास पर हमेशा लोगों की भीड़ रहती है। लोग अपनी समस्याओं के समाधान के लिए उनसे संपर्क करते हैं।
Published on:
12 Sept 2025 05:13 pm