बाड़मेर: डेजर्ट इलाके में विद्यार्थियों को डिजिटल शिक्षा रास आने लगी है। शिक्षकों की कमी झेल रहे विद्यालय डिजिटल संसाधनों का उपयोग कर बच्चों को पढ़ा रहे हैं। इक्के-दुक्के शिक्षकों वाले विद्यालयों में तो अब स्मार्ट डिजिटल बोर्ड से ही कोर्स करवाया जा रहा है।
सरकार ने हार्ड डिस्क में सम्पूर्ण कोर्स डाउनलोड कर सीनियर स्कूलों को दिया, जिससे शिक्षक कोर्स पूरा करवा रहे हैं। बाड़मेर और बालोतरा जिले के 1189 विद्यालयों में से करीब 500 में डिजिटल स्मार्ट बोर्ड लगे हुए हैं।
स्मार्ट डिजिटल बोर्ड का पैनल 1 लाख 20 हजार रुपए का आता है। इसके जरिए किसी भी विद्यालय में बैठा शिक्षक इंटरनेट का उपयोग कर किसी भी विषय की पढ़ाई स्मार्ट तरीके से करवा सकता है।
थार क्षेत्र के कई स्कूलों में एक या दो शिक्षक ही कार्यरत हैं। ऐसे में डिजिटल बोर्ड और स्मार्ट क्लासरूम बच्चों के लिए वरदान साबित हुए हैं। बच्चे अब एनिमेटेड वीडियो लेक्चर्स, लाइव क्लासेज और अभ्यास प्रश्नों के जरिए शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक बाड़मेर जिले के 676 विद्यालयों में से प्रथम चरण में 226 व द्वितीय चरण में 123 विद्यालयों में स्मार्ट डिजिटल बोर्ड लग गए हैं। बालोतरा जिले में भी करीब सवा दो सौ स्कूल स्मार्ट डिजिटल बोर्ड से जुड़े हुए हैं।
सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने मेरा विद्यालय-डिजिटल विद्यालय अभियान चला रखा है। वे अब तक 52 विद्यालय में बोर्ड लगा चुके हैं, जबकि कुल 171 बोर्ड लगवाने की घोषणा वे कर चुके हैं। वहीं, बाड़मेर विधायक डॉ. प्रियंका चौधरी 25 स्मार्ट बोर्ड लगवाने की घोषणा कर चुकी हैं। कई स्कूलों में भामाशाहों ने स्मार्ट बोर्ड लगवाए हैं।
वर्तमान समय डिजिटल क्रांति का है। शिक्षा में भी डिजिटल का प्रभाव है। इसका फायदा शिक्षकों की कमी वाले विद्यालयों को हो रहा है।
-जयप्रकाश व्यास, सहायक परियोजना समन्वयक, समग्र शिक्षा, बाड़मेर
Published on:
18 Sept 2025 10:29 am