
बाड़मेर: बाड़मेर शहर और आसपास के ग्रामीण इलाकों में पिछले कुछ वर्षों से कृषि भूमि पर तेजी से फैल रही अवैध कॉलोनियों और अतिक्रमणों पर अब नगर विकास न्यास (यूआईटी) ने सख्ती दिखाने की तैयारी कर ली है। न्यास प्रशासन ने सार्वजनिक सूचना जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि जिन लोगों ने कृषि भूमि पर बिना विधिक अनुमति या भू-उपयोग परिवर्तन के आवासीय या वाणिज्यिक निर्माण किए हैं, वे स्वयं इन्हें हटा लें। अन्यथा 13 नवंबर से प्रशासनिक कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
यूआईटी की जांच में सामने आया है कि शहर के कई इलाकों में कृषि भूमि का बिना भू-उपयोग परिवर्तन (संपरिवर्तन) कराए गैर कृषि प्रयोजन में उपयोग किया जा रहा है। कई स्थानों पर कॉलोनाइजरों द्वारा बिना अनुमति आवासीय कॉलोनियां काटकर भूखंड बेचे जा रहे हैं, जो पूरी तरह अवैध है।
ऐसे सभी निर्माण राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम, 1956 की धारा 90-क, राजस्थान काश्तकारी अधिनियम, 1955 और राजस्थान नगर सुधार न्यास अधिनियम, 1959 का उल्लंघन हैं। इन प्रावधानों के तहत अब संबंधित अतिक्रमियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नगर विकास न्यास क्षेत्राधिकार के तहत आने वाले बाड़मेर शहर, बीदासर, बाड़मेर आगोर, बाड़मेर मगरा, लालाणियों की ढाणी, उदय नगर, उतरलाई, चकलाणी, बेरीवाला गांव, कुड़ला, जालीपा, हापो की ढाणी, गेंहू, सोमाणियों की ढाणी, लंगेरा, डीगड़ा, सांसियों का तला, आदर्श महाबार, महाबार, शिवकर अजब नगर, आदर्श आगोर और बाड़मेर गादान सहित अनेक क्षेत्रों में अवैध कॉलोनियों के निर्माण के मामले सामने आए हैं।
इन स्थानों पर कृषि भूमि पर बिना संपरिवर्तन के आवासीय मकान, संस्थान, कंपनियां, वाणिज्यिक प्रतिष्ठान और अन्य निर्माण किए गए हैं, जो बाड़मेर मास्टर प्लान 2031 के अनुरूप नहीं हैं।
बाड़मेर शहर की सड़कों का पुनर्वर्गीकरण किया गया है, ताकि शहर में यातायात व्यवस्था व्यवस्थित की जा सके। इसके तहत सड़कों की चौड़ाई का निर्धारण इस प्रकार किया गया है। क्रमश: राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्ग, बाइपास 200 फीट (60 मीटर), प्रमुख सड़कें 120 फीट (36 मीटर), उप प्रमुख सड़कें 100 फीट (30 मीटर), मुख्य सड़कें 80 फीट (24 मीटर) एवं अन्य मार्ग 60 फीट (18 मीटर) चौड़ी प्रस्तावित है।
राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के दोनों ओर सर्विस रोड रखी जाएगी। इसके बाहर हरियाली और विद्युतीकरण के लिए 5 से 10 मीटर की अतिरिक्त भूमि छोड़ी जाएगी। वहीं, बाइपास और बाहरी मार्गों के सहारे 100 फीट ग्रीन बेल्ट बनाना अनिवार्य होगा। इस क्षेत्र के बाद ही किसी भी प्रकार के विकास कार्य की अनुमति दी जाएगी।
यूआईटी ने स्पष्ट किया है कि बाड़मेर-जैसलमेर, बाड़मेर-जोधपुर, बाड़मेर-सांचौर, बाड़मेर-गडरारोड़, बाड़मेर-महाबार-सफेद आकड़ा, बाड़मेर रिंग रोड, बाड़मेर-सिणधरी, बाड़मेर-उत्तरलाई, बाड़मेर-गेंहू, बाड़मेर-हापो की ढाणी मार्ग सहित सभी प्रमुख सड़कों के किनारे किए गए अवैध निर्माण और अतिक्रमणों को हटाया जाएगा।
इसके अलावा उत्तरलाई, चकलाणी, लालाणियों की ढाणी, उदय नगर, हापो की ढाणी, जालीपा, अजब नगर, शिवकर, बेरीवाला गांव, कुड़ला, डिगड़ा, लंगेरा, सांसियों का तला, आदर्श महाबार आदि क्षेत्रों में भी 13 नवंबर से बुलडोजर कार्रवाई शुरू की जाएगी।
यूआईटी ने सर्वसाधारण के लिए अंतिम सूचना और नोटिस जारी करते हुए कहा है कि जिन लोगों को इस कार्रवाई पर आपत्ति है या जिनके पास न्यायालय का कोई आदेश प्रभावी है, वे 12 नवंबर को प्रात: 11:30 बजे तक न्यास कार्यालय में संबंधित दस्तावेजों सहित उपस्थित होकर अपनी बात रख सकते हैं। इस अवधि के बाद प्राप्त आपत्तियों को विचार योग्य नहीं माना जाएगा। इसके पश्चात निर्धारित अधिनियमों के तहत संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जाएगी।
राजस्थान पत्रिका ने बिना कन्वर्जन काट दी 150 से ज्यादा अवैध कॉलोनियां, ढाणियों में छाया अंधेरा, अवैध कॉलोनियों में आरडीएसएस की सामग्री, कृषि भूमि पर बसी कॉलोनियों की जमीन होगी खाली शिर्षक से अलग- अलग सिलसिलेवार समाचार प्रकाशित किए। कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियों के तेजी से फैलते जाल को प्रमुखता से उठाया था।
बिना स्वीकृति के कॉलोनाइजेशन से न केवल शहर की संरचना बिगड़ रही है। बल्कि भविष्य में यातायात, जल निकासी और सार्वजनिक सुविधाओं की गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
यह कदम मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 3 नवंबर को हुई राज्य स्तरीय बैठक में दिए गए निर्देशों के बाद उठाया गया है, जिसमें सड़क सुरक्षा और नगरीय क्षेत्र में यातायात सुगमता के लिए अतिक्रमण हटाने के निर्देश जारी किए गए थे। प्रशासन ने सार्वजनिक सूचना जारी कर चेतावनी दी गई है, इसके बाद 13 नवंबर से प्रशासनिक कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
-श्रवण सिंह राजावत, सचिव, यूआईटी, बाड़मेर
Updated on:
08 Nov 2025 11:49 am
Published on:
08 Nov 2025 11:44 am

