
बाड़मेर। सदर थाना क्षेत्र के गरल गांव में अस्पताल के लिए रास्ता नहीं मिलने पर बुखार से पीड़ित एक बच्चे की मौत हो गई। घटनाक्रम के बाद परिजनों ने हंगामा किया और मृतक का शव लेकर जिला कलेक्ट्रेट पहुंच गए, जहां प्रदर्शन कर रास्ता खुलवाने की मांग की। मामले की गंभीरता को देखते प्रशासन ने राजस्व विभाग की टीम को मौके पर भेजकर जांच प्रारंभ की।
पुलिस के अनुसार, गरल गांव में सोमवार सुबह कमलेश (9) पुत्र डूंगराराम को देर रात से बुखार आ रहा था। सुबह 4 बजे उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। सुबह 6 बजे अस्पताल ले जाने के लिए गाड़ी बुलाई गई, लेकिन पड़ोसी शेराराम ने रास्ता अवरुद्ध कर वाहन को अंदर नहीं आने दिया।
आरोप है कि उनके घर के आगे ढाणी में जाने वाले मुख्य रास्ते पर लोहे का गेट लगाकर तारबंदी कर रखी है और वाहनों की एंट्री रोक दी जाती है। ऐसे में जब बच्चे को लेने गाड़ी आई तो उसे दो किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया। रास्ता नहीं खुला, तो परिजनों ने कमलेश को पैदल ही गाड़ी तक पहुंचाया। तब तक सुबह 7 बज चुके थे।
अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने सुबह 9 बजे बच्चे को मृत घोषित कर दिया। गुस्साए परिजन शव लेकर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और रास्ता खुलवाने की मांग को लेकर जमकर विरोध किया। सूचना मिलने पर बाड़मेर वृत्त डिप्टी रमेश शर्मा, कोतवाल बलभद्र सिंह सहित पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और समझाइश कर परिजनों को शांत कराया। साथ ही पोस्टमार्टम की कार्रवाई शुरू की गई।
मृतक चाचा गोरधनराम ने बताया हम पैदल ही भतीजे को लेकर गाड़ी तक पहुंचे। अगर समय पर अस्पताल पहुंच जाते तो शायद उसकी जान बच जाती। आरोप है कि रास्ता विवाद नया नहीं है। सरपंच और स्थानीय जनप्रतिनिधियों व प्रशासन ने दो बार रास्ता खुलवाया था, लेकिन हर बार फिर से लोहे की जाली लगाकर रास्ता बंद कर दिया।
गरल में रास्ते को लेकर विवाद चल रहा है। टीम के साथ मौके पर गया था। समझाइश कर रास्ता खुलवा दिया गया है। साथ ही उन्हें पाबंद किया है कि आपसी विवाद में रास्ता बंद नहीं करेंगे।
हुकमीचंद, तहसीलदार, बाड़मेर
Updated on:
17 Nov 2025 06:24 pm
Published on:
17 Nov 2025 05:39 pm

