
बरेली। ड्राई फ्रूट्स चोरी के विवाद ने शनिवार को नया मोड़ ले लिया, जब मराठा बुलियन से जुड़े व्यापारी नेता और श्री मंगलम ड्राई फ्रूट्स के संचालक अनिल पाटिल, तथा उद्योग व्यापार मंडल के प्रांतीय महामंत्री राजेंद्र गुप्ता आमने-सामने आ गए। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के दावों को झूठा बताया। जिससे पूरा व्यापारिक समुदाय दो धड़ों में बंट गया है। पाटिल ने खुलकर आरोप लगाया है कि उनकी बीमारी के दौरान कोल्ड स्टोर प्रबंधन ने फर्जी हस्ताक्षरों के आधार पर 285 बॉक्स यानी लगभग सवा चार टन माल बेचा, जबकि राजेंद्र गुप्ता ने पलटवार करते हुए कहा कि पुलिस दबाव में व्यापारियों पर मुकदमे ठोंक रही है।
अनिल पाटिल ने बताया कि जून 2023 में मैनेजर की गारंटी पर नीरज शुक्ला को बतौर कर्मचारी रखा था। जिसे तीन महीनों में संदिग्ध गतिविधियों के कारण हटा दिया गया। उन्होंने सितंबर 2023 में कोल्ड स्टोर मालिक को लिखित रूप से सूचित भी कर दिया था कि शुक्ला के नाम किसी भी प्रकार का माल न दिया जाए। इसी बीच पाटिल को गंभीर बीमारी के चलते चार महीने का बेड रेस्ट लेना पड़ा। इसी दौरान कोल्ड स्टोर मालिक पुत्तू सिंह, उनके पुत्र मयंक और मैनेजर उमेश सक्सेना ने झूठे हस्ताक्षरों पर माल निकाला और बाजार में बेच दिया। पाटिल ने दावा किया कि फरवरी 2024 में उन्होंने पूछताछ की, तो स्टोरेज मालिक ने गलती स्वीकार की। चार महीने में हिसाब निपटाने का आश्वासन दिया, मगर बाद में मुकरकर धमकियां देना शुरू कर दीं। उन्होंने कहा कि उनके पास बिल, गेट पास, वीडियो रिकॉर्डिंग और वॉइस रिकॉर्डिंग सहित सभी तकनीकी प्रमाण मौजूद हैं। इन्हीं दस्तावेज़ों के आधार पर किला पुलिस ने FIR दर्ज की है।
उद्योग व्यापार मंडल के प्रांतीय महामंत्री राजेंद्र गुप्ता ने कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल के साथ डीआईजी से मुलाकात कर पूरी कहानी को एकतरफा और मनगढ़ंत बताया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में ड्राई फ्रूट व्यापारी ने किशमिश के गत्ते कोल्ड स्टोर में रखवाए। उसके बाद व्यापारी खुद ही थोड़ा-थोड़ा माल निकालते रहे। निकासी के दस्तावेज़ स्टोर मालिक के पास उपलब्ध हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कोई व्यापारी ढाई साल तक माल स्टोरेज में नहीं छोड़ता। यह भी कहा कि नवंबर 2025 में अचानक पूरा माल मांगना ही अपने आप में संदेह उत्पन्न करता है। गुप्ता ने आरोप लगाया कि व्यापारी ने किला थाने में सभी दस्तावेज़ दिखाए, मगर पुलिस ने दबाव में आकर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।
उन्होंने डीआईजी से निष्पक्ष जांच की मांग की और कहा कि व्यापारियों को अनुचित रूप से परेशान किया जा रहा है। अनिल पाटिल का किला थाना पुलिस के साथ उठना बैठना है। उन्होंने थाना पुलिस से मिली भगत कर झूठा मुकदमा दर्ज कराया। दोनों पक्षों की ओर से आए बयानों ने मामले को और उलझा दिया है। जहां पाटिल इस घटना को संगठित धोखाधड़ी बता रहे हैं और इसे अपने खिलाफ चल रहे व्यापारिक षड्यंत्र से जोड़ रहे हैं। वहीं राजेंद्र गुप्ता इसे कर्मचारियों की हेराफेरी को कोल्ड स्टोर मालिक पर थोपने की कोशिश बता रहे हैं। किला थाना पुलिस भी इस पूरे विवाद में सवालों के घेरे में है, क्योंकि एक पक्ष उस पर दबाव में कार्रवाई करने का आरोप लगा रहा है, जबकि दूसरे पक्ष का कहना है कि पुलिस ने तकनीकी सबूतों की पुष्टि के बाद ही मुकदमा दर्ज किया है।
संबंधित विषय:
Published on:
05 Dec 2025 09:20 pm
बड़ी खबरें
View Allबरेली
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
