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श्रम विभाग का ऑपरेशन क्लीन स्वीप : बरेली में टास्क फोर्स की ताबड़तोड़ कार्रवाई, 255 बच्चे कराये अवमुक्त, 173 से ज्यादा प्रतिष्ठानों पर छापे

योगी सरकार ने वर्ष 2027 तक पूरे उत्तर प्रदेश को बाल श्रम मुक्त बनाने का लक्ष्य तय किया है। इसी क्रम में श्रम विभाग ने प्रदेशभर के प्रतिष्ठान स्वामियों और नियोजकों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी रूप में बाल या किशोर श्रमिकों को नियोजित न किया जाए, अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी। बाल श्रमिकों के चेहरे पर मुस्कान लौटाने के विशेष अभियान के तहत बरेली को बाल श्रम मुक्त जिला बनाने की दिशा में तेज़ और सतत अभियान चलाया जा रहा है।

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बाल गोविंद सहायक आयुक्त श्रम बरेली

बरेली। योगी सरकार ने वर्ष 2027 तक पूरे उत्तर प्रदेश को बाल श्रम मुक्त बनाने का लक्ष्य तय किया है। इसी क्रम में श्रम विभाग ने प्रदेशभर के प्रतिष्ठान स्वामियों और नियोजकों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी रूप में बाल या किशोर श्रमिकों को नियोजित न किया जाए, अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी। बाल श्रमिकों के चेहरे पर मुस्कान लौटाने के विशेष अभियान के तहत बरेली को बाल श्रम मुक्त जिला बनाने की दिशा में तेज़ और सतत अभियान चलाया जा रहा है। सहायक श्रमायुक्त बरेली बाल गोविंद ने बताया कि टास्क फोर्स ने अप्रैल 2025 से नवंबर 2025 तक 173 से ज्यादा प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया, जिनसे 245 बाल एवं किशोर श्रमिकों को मुक्त कराया गया। इनमें 4 बच्चे 14 वर्ष से कम आयु के थे, जिनमें से एक का शैक्षिक पुनर्वास बीएसए के माध्यम से कराया गया है। एक दिसंबर से 15 दिसंबर तक बरेली में एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में सोमवार को पहले दिन दस बच्चों को अवमुक्त कराया गया। अप्रैल 2025 से एक नवंबर 2025 तक वर्तमान में बाल श्रम से जुड़े 249 मामलों में कार्यवाही की जा रही है। इसमें 56 केस न्यायालय में विचाराधीन हैं। 23 मामलों में कोर्ट का निर्णय आ चुका है। इनमें 60,000 का जुर्माना लगाया गया है। शेष मामलों में जांच और कार्रवाई जारी है।

जनजागरूकता से लेकर पुनर्वासन तक चलेगा सघन अभियान

मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में जिलाधिकारी बरेली अविनाश सिंह के मार्गदर्शन में बरेली में श्रम विभाग ने जन-जागरूकता यात्रा, हस्ताक्षर अभियान, संगोष्ठी व व्यापारियों के संवाद कार्यक्रम आयोजित किये हैं। इसका उद्देश्य बाल श्रम को सामाजिक अपराध के रूप में चिन्हित करना, प्रतिष्ठान स्वामियों को जागरूक करना, मुक्त कराए गए बच्चों का शैक्षिक और आर्थिक पुनर्वासन कराना है। सहायक श्रम आयुक्त बाल गोविंद ने बताया कि 1-15 दिसंबर तक विशेष अभियान चल रहा है। इसी क्रम में 1 दिसंबर को 10 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया है। उन्होंने कहा किसी भी प्रतिष्ठान में बाल या किशोर श्रमिक पाए जाने पर सख्त कानूनी कार्रवाई तय है।

प्रतिष्ठानों को निर्देश, बाल श्रमिक न रखें, अन्यथा कार्रवाई होगी

श्रम विभाग ने दोहराया कि बाल श्रमिकों का नियोजन पूरी तरह प्रतिबंधित है। सभी प्रतिष्ठान स्वामियों से अपील है कि कम आयु-वर्ग के बाल श्रमिक को न रखें, किशोर श्रमिकों का रोजगार कानून सम्मत न होने पर भारी दंड का सामना करना पड़ेगा, शिकायत मिलने पर तत्काल टास्क फोर्स कार्रवाई करेगी।

प्रदेश में बरेली श्रम विभाग का अव्वल प्रदर्शन, शीर्ष रैंकिंग में

सीएम डैशबोर्ड की रैंकिंग में बरेली श्रम विभाग प्रदेश के शीर्ष जिलों में शामिल है। बढ़िया निरीक्षण, त्वरित नियमन और पुनर्वासन कार्यों ने जिले को पूरे प्रदेश में अग्रणी बनाया है। सहायक श्रम आयुक्त बाल गोविंद के ने बताया कि बरेली में 521000 श्रमिक उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कल्याण बोर्ड में पंजीकृत हैं। 180000 श्रमिक ई-श्रम पोर्टल पर दर्ज हैं। यह आंकड़े बताते हैं कि बरेली श्रम विभाग श्रमिक कल्याण, बाल श्रम उन्मूलन और पुनर्वासन में प्रदेश का लीडर बनकर उभरा है।


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