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वोट चोरी पर भड़के पूर्व शिक्षा मंत्री, बोले– यह लोकतंत्र की हत्या है, साजिश के तहत राहुल गांधी को बनाया जा रहा है निशाना

कांग्रेस के पूर्व शिक्षा मंत्री मसूद अहमद ने शुक्रवार को बरेली में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर केंद्र सरकार और भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि हाल के चुनावों में वोट चोरी कर लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। मसूद अहमद ने कहा कि राहुल गांधी को साजिशन निशाना बनाया जा रहा है ताकि उनकी लोकप्रियता को रोका जा सके।

बैठक में मौजूद पूर्व शिक्षा मंत्री मसूद अहमद व अन्य नेता (फोटो सोर्स: पत्रिका)

बरेली। कांग्रेस के पूर्व शिक्षा मंत्री मसूद अहमद ने शुक्रवार को बरेली में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर केंद्र सरकार और भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि हाल के चुनावों में वोट चोरी कर लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। मसूद अहमद ने कहा कि राहुल गांधी को साजिशन निशाना बनाया जा रहा है ताकि उनकी लोकप्रियता को रोका जा सके।

मसूद अहमद ने बरेली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं डॉ. के.बी. त्रिपाठी, महानगर अध्यक्ष दिनेश दद्दा, मोहम्मद जकी, जाहिद अली खान, वसीम खान और नवाब मुजाहिद हसन खान के साथ बैठक की। इस दौरान बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि बिहार में हाल ही में वोटिंग पैटर्न में गड़बड़ी की घटनाओं ने जनता का गुस्सा भड़का दिया है। वहीं सड़कों पर लाठियां खा रहे नौजवान इस बात के गवाह हैं कि देश में कुछ बड़ा गलत हो रहा है।

कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि उन्होंने संवैधानिक संस्थाओं की साख कमजोर कर दी। सुप्रीम कोर्ट तक के कामकाज में हस्तक्षेप हुआ है और अब वोट भी सुरक्षित नहीं रह गए हैं। मसूद अहमद ने कहा कि देश की नई पीढ़ी जाग चुकी है और सब समझ रही है। उन्होंने भ्रष्टाचार को चरम पर बताते हुए कहा कि अब जनता को खुलकर सवाल पूछना होगा।

उन्होंने राहुल गांधी को निशाना बनाने की साजिश का भी आरोप लगाया और कहा कि देश में नेपाल जैसी स्थिति पैदा करने की कोशिश हो रही है, जहां युवाओं ने बदलाव का बिगुल बजाया था। बैठक में उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि कांग्रेस आने वाले दिनों में हर जिले में जनसभाएं और जागरूकता अभियान चलाएगी। देश के लोकतंत्र की रक्षा के लिए युवाओं को आगे आना होगा। अब सिर्फ बातों से नहीं, बल्कि मैदान में उतरकर अधिकारों के लिए लड़ने का वक्त है।