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अवैध निर्माण पर बीडीए ने कसा शिकंजा… बरेली में फिर गरजा बुलडोजर, दो कॉलोनियां जमींदोज, मचा हड़कंप

कैंट इलाके में बुधवार सुबह बीडीए की प्रवर्तन टीम ने दो अवैध कालोनियों के खिलाफ बड़ा और सख्त अभियान चलाया। कार्रवाई की जानकारी मिलते ही इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। लालफाटक रोड स्थित रामेश्वरधाम-1 कालोनी और कैन्ट क्षेत्र की एक अन्य अवैध कालोनी में बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माणों को जमींदोज किया गया।

बरेली। कैंट इलाके में बुधवार सुबह बीडीए की प्रवर्तन टीम ने दो अवैध कालोनियों के खिलाफ बड़ा और सख्त अभियान चलाया। कार्रवाई की जानकारी मिलते ही इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। लालफाटक रोड स्थित रामेश्वरधाम-1 कालोनी और कैन्ट क्षेत्र की एक अन्य अवैध कालोनी में बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माणों को जमींदोज किया गया।

बीडीए उपाध्यक्ष डॉ. ए मनिकंडन ने बताया कि रामेश्वरधाम-1 कालोनी में ओम प्रकाश और अन्य ने लगभग 10,000 वर्गमीटर क्षेत्र में बिना प्राधिकरण की स्वीकृति के भूखण्ड चिन्हांकित किए थे। वहीं सड़क, बाउंड्रीवाल और अन्य निर्माण कार्य भी किए जा रहे थे, जो पूरी तरह से अवैध थे। दूसरी कालोनी में ठाकुर महावीर सिंह और अन्य ने करीब 7,000 वर्गमीटर क्षेत्र में साइट ऑफिस, सड़क और बाउंड्रीवाल का निर्माण कर रखा था और वहां भी अवैध निर्माण जारी था।

ध्वस्तीकरण कार्रवाई का नेतृत्व विशेष कार्याधिकारी अजीत कुमार सिंह ने किया। उनके साथ प्राधिकरण के सहायक अभियंता गजेन्द्र पाल शर्मा, अवर अभियंता सुरेन्द्र द्विवेदी और पूरी प्रवर्तन टीम मौजूद रही। टीम ने अवैध निर्माणों को हटाने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया और अवैध संरचनाओं को पूरी तरह जमींदोज कर दिया। इस दौरान स्थानीय लोगों में मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिली। कई लोग प्राधिकरण की कार्रवाई से खुश दिखे और इसे शहर के नियोजन के लिए जरूरी बताया, जबकि कुछ अवैध कालोनियों में रह रहे लोग चिंता और नाराजगी जताते नजर आए।

बीडीए ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि उ.प्र. नगर योजना एवं विकास अधिनियम-1973 के तहत किसी भी भूखण्ड या भवन का निर्माण/प्लाटिंग करने से पहले बरेली विकास प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृति लेना अनिवार्य है। बिना स्वीकृति के किया गया कोई भी निर्माण पूरी तरह अवैध माना जाएगा और उसका ध्वस्तीकरण प्राधिकरण द्वारा किया जा सकता है।