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22 साल बाद फिर वोटर लिस्ट का गहन पुनरीक्षण, बरेली में 4 नवंबर से चलेगा अभियान, 2003 की लिस्ट वालों को नहीं देने होंगे दस्तावेज

जिले में अब एक बार फिर मतदाता सूची को अपडेट करने की बड़ी कवायद शुरू होने जा रही है। चार नवंबर से चार दिसंबर तक विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण अभियान चलेगा, जिसके तहत बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं की जानकारी जुटाएंगे।

बरेली। जिले में अब एक बार फिर मतदाता सूची को अपडेट करने की बड़ी कवायद शुरू होने जा रही है। चार नवंबर से चार दिसंबर तक विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण अभियान चलेगा, जिसके तहत बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं की जानकारी जुटाएंगे। यह अभियान उन सभी लोगों के लिए अहम है जो अभी तक वोटर लिस्ट में शामिल नहीं हो पाए हैं या जिनके नाम, पते में त्रुटियां हैं।

बुधवार को डीएम अविनाश सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई। बैठक में विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) की रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा की गई। डीएम ने बताया कि पिछला बड़ा पुनरीक्षण साल 2003 में हुआ था, करीब 22 साल बाद फिर से यह अभ्यास शुरू हो रहा है। इन वर्षों में बहुत से लोग एक जगह से दूसरी जगह चले गए, कई के विवाह या मृत्यु के बाद नाम दोहरी सूची में रह गए हैं। अब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर पात्र नागरिक का नाम एक ही जगह वोटर लिस्ट में हो।

कब क्या होगा — जानिए पूरा शेड्यूल

निर्वाचन आयोग द्वारा तय कार्यक्रम के मुताबिक 28 अक्तूबर से 3 नवंबर तक तैयारी, प्रशिक्षण और फॉर्म प्रिंटिंग का काम होगा। 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक बीएलओ घर-घर जाकर फॉर्म देंगे और जानकारी जुटाएंगे। 9 दिसंबर को प्रारंभिक मतदाता सूची प्रकाशित होगी। 9 दिसंबर से 8 जनवरी 2026 तक दावे और आपत्तियां ली जाएंगी। 31 जनवरी 2026 तक सुनवाई और निस्तारण का काम पूरा होगा। 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होगी।

2003 की लिस्ट वालों को मिलेगी राहत

जिन लोगों के नाम 2003 की मतदाता सूची में शामिल हैं, उन्हें कोई भी दस्तावेज देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। केवल गणना प्रपत्र भरना होगा और 2003 की सूची को ही सबूत माना जाएगा। हालांकि जिनके नाम उस सूची में नहीं हैं, उन्हें जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, शैक्षिक प्रमाण पत्र या निवास प्रमाण पत्र जैसे किसी एक पहचान दस्तावेज की जरूरत होगी। डीएम ने बताया कि किसी भी बूथ पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। इसके लिए मतदेय स्थलों की नई संरचना भी की जा रही है। बीएलओ मतदाताओं के पते और पहचान का सत्यापन घर-घर जाकर करेंगे।

राजनैतिक दलों की भी होगी अहम भूमिका

मतदाता सूची को सही और अद्यतन बनाने के लिए आयोग ने बूथ लेवल एजेंट (बीएलओ) की व्यवस्था की है। डीएम ने सभी राजनीतिक दलों से अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में बीएलए नियुक्त करने की अपील की है ताकि वे बीएलओ की मदद से फॉर्म भरवाने और त्रुटियां सुधारने का काम तेज कर सकें। बैठक में बताया गया कि कई लोग शहर में रहने के बावजूद गांव की सूची में भी दर्ज हैं। ऐसे लोगों से अपील की गई है कि वे एक ही जगह अपना नाम रखें और जहां अब नहीं रहते, वहां से नाम हटवाएं। बैठक में अपर जिलाधिकारी (वि./रा.) संतोष कुमार सिंह, नगर मजिस्ट्रेट अलंकार अग्निहोत्री, एसडीएम सदर और विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।