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किप्स सुपर मार्केट में पकड़ी मिलावटी नमकीन, रोस्टेड काजू का सैंपल फेल, तीन लाख का जुर्माना ठोका

शहर के प्रसिद्ध किप्स सुपर मार्केट पर खाद्य सुरक्षा नियमों के उल्लंघन का मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई उस समय हुई जब खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा लिए गए नमूने की प्रयोगशाला रिपोर्ट में रोस्टेड काजू नमकीन को मिथ्या छाप घोषित किया गया।

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किप्स शॉप व मालिक ऋषि खण्डेलवाल

बरेली। शहर के प्रसिद्ध किप्स सुपर मार्केट पर खाद्य सुरक्षा नियमों के उल्लंघन का मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई उस समय हुई जब खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा लिए गए नमूने की प्रयोगशाला रिपोर्ट में रोस्टेड काजू नमकीन को मिथ्या छाप घोषित किया गया।

13 सितंबर 2024 को पूर्व खाद्य सुरक्षा अधिकारी मान सिंह निरंजन ने राजेन्द्रनगर स्थित किप्स सुपर मार्केट का नियमित निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्हें स्टोर में रखे लगभग चार किलोग्राम रोस्टेड काजू नमकीन में मिलावट और गलत लेबलिंग की आशंका हुई। संदेह की पुष्टि के लिए उन्होंने निर्धारित प्रक्रिया के तहत विक्रेता की मांग के अनुसार 1100 रुपये नकद देकर एक किलोग्राम का नमूना खरीदा। नमूने को आगे की जांच के लिए खाद्य विश्लेषक, लखनऊ प्रयोगशाला भेजा गया। कुछ सप्ताह बाद प्राप्त हुई खाद्य विश्लेषक की आख्या में बताया गया कि रोस्टेड काजू नमकीन मिथ्या छाप पाया गया। रिपोर्ट के अनुसार उत्पाद पर अंकित विवरण और पैकेट की लेबलिंग वास्तविक सामग्री और गुणवत्ता से मेल नहीं खा रही थी। यह उपभोक्ताओं को भ्रमित करने और खाद्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करने की श्रेणी में आता है।

रिपोर्ट के आधार पर मामला जिला प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत किया गया। सुनवाई के बाद अपर जिलाधिकारी (नगर) सौरभ दुबे ने आदेश जारी करते हुए किप्स सुपर मार्केट पर तीन लाख रुपये का अर्थदंड लगाया। आदेश में कहा गया कि उपभोक्ताओं को सुरक्षित और सही जानकारी वाले उत्पाद उपलब्ध कराना प्रत्येक व्यापारी की जिम्मेदारी है, और इस प्रकार की लापरवाही को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अपर जिलाधिकारी ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गलत लेबलिंग, मिथ्या छाप और मिलावट को गंभीर श्रेणी का अपराध माना जाता है। इससे न केवल उपभोक्ता भ्रमित होते हैं बल्कि स्वास्थ्य संबंधी जोखिम भी बढ़ जाते हैं। इसलिए दोषी पाए जाने पर भारी आर्थिक दंड लगाया जाना जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लग सके।

खाद्य सुरक्षा विभाग ने बताया कि शहर में बिकने वाले पैक्ड और खुले खाद्य पदार्थों की नियमित रूप से जांच की जा रही है। विभाग ने व्यापारियों और दुकानदारों को चेतावनी देते हुए कहा है कि वे किसी भी खाद्य सामग्री को बिना आवश्यक मानक, लेबलिंग और गुणवत्ता जांच के बाजार में न रखें। विभाग ने यह भी बताया कि उपभोक्ता किसी भी संदिग्ध खाद्य पदार्थ की शिकायत हेल्पलाइन पर दर्ज करा सकते हैं, ताकि तुरंत कार्रवाई की जा सके। किप्स सुपर मार्केट पर कार्रवाई के बाद व्यापारी वर्ग में भी हड़कंप मचा हुआ है। कई दुकानदारों ने बताया कि वे अब खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता और दस्तावेजों की दोबारा जांच कर रहे हैं, ताकि किसी भी प्रकार की कार्रवाई से बचा जा सके। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि खाद्य सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा और बाजार में मिलावट या मिथ्या छाप वाले उत्पाद पाए जाने पर कड़े कदम उठाए जाते रहेंगे।


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