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10 करोड़ की टैक्स चोरी का काला खेल बेनकाब: फर्जी जीएसटी फर्म गैंग के तीन आरोपी गिरफ्तार, ऐसे उजागर हुआ पूरा फर्जीवाड़ा

जिले में फर्जीवाड़े की मोटी परतें उघाड़ते हुए एसओजी, सर्विलांस सेल और थाना रोजा की संयुक्त टीम ने 10 करोड़ 77 लाख रुपये की कर चोरी कराने वाले शातिर गिरोह पर तगड़ा शिकंजा कस दिया। इंस्टाग्राम पर लोन दिलाने का झांसा देकर लोगों के आधार, पैन और बिजली बिल हासिल करने वाले इस गैंग के तीन सक्रिय सदस्य गिरफ्तार कर लिए गए हैं।

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शाहजहांपुर। जिले में फर्जीवाड़े की मोटी परतें उघाड़ते हुए एसओजी, सर्विलांस सेल और थाना रोजा की संयुक्त टीम ने 10 करोड़ 77 लाख रुपये की कर चोरी कराने वाले शातिर गिरोह पर तगड़ा शिकंजा कस दिया। इंस्टाग्राम पर लोन दिलाने का झांसा देकर लोगों के आधार, पैन और बिजली बिल हासिल करने वाले इस गैंग के तीन सक्रिय सदस्य गिरफ्तार कर लिए गए हैं। उनके कब्जे से भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज, नोटरी मोहरें, बैंक स्टेटमेंट, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, 200 से अधिक फर्जी रेंट एग्रीमेंट और महंगी कार जब्त की गई है।

गिरोह का तरीका साफ़ तौर पर संगठित अपराध की बू देता है। सोशल मीडिया पर लुभावने विज्ञापन डालो, दस्तावेज़ झपटो, फर्जी रेंट एग्रीमेंट बनाओ, फिर उसी के नाम पर बोगस जीएसटी फर्म खड़ी कर दो। इसके बाद जीएसटी पोर्टल पर खरीद-फरोख्त का भ्रम पैदा कर फर्जी बिल तैयार किए जाते थे और व्यापारियों को फर्जी आईटीसी दिखाकर मोटा कमीशन वसूला जाता था। असल में कोई लेन-देन होता ही नहीं था, मगर टैक्स की बड़ी चोरी आराम से निपटा दी जाती थी।

28 मई 2025 को सहायक आयुक्त राज्य कर भावना चन्द्रा की तहरीर पर दर्ज मुकदमे के बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए एक विशेष टीम बनाई गई थी। विवेचना निरीक्षक वीरेंद्र सिंह, प्रभारी गैंगस्टर सेल को सौंपी गई। शुक्रवार को हथौड़ा चौराहे के पास संदिग्ध कार की सूचना मिलते ही पुलिस ने अटसलिया पुल के पास घेराबंदी की और महिंद्रा कार में सवार तीनों आरोपियों गौरव यादव रोहिणी दिल्ली, सिद्धार्थ पाण्डेय प्रयागराज और दीपक समयपुर बादली, दिल्ली को दबोच लिया।

पुलिस की मानें तो इनके द्वारा इस्तेमाल किए गए दस्तावेजों में छात्रों, नौकरीपेशा युवाओं, बस परिचालक–चालकों तक की पहचान शामिल थी। गिरोह फर्जी सिम भी तैयार कर बैंक में करंट अकाउंट खुलवाता था। बरामद सामग्री देखने से ही फर्जीवाड़े का पैमाना समझा जा सकता है। दो आईफोन 17 प्रो मैक्स, सैमसंग जेड फोल्ड 7, एस-25 अल्ट्रा, की–पैड मोबाइल, दो टैबलेट, सीपीयू, हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव, 39 आधार–पैन प्रतियां, 39 एटीएम कार्ड, 13 बैंक स्टेटमेंट, 200 रेंट एग्रीमेंट, फर्जी नोटरी सीलें, विजिटिंग कार्ड और नकदी बरामद की है।

पुलिस ने स्पष्ट किया है कि साइबर और फाइनेंशियल फ्रॉड के खिलाफ अभियान अब और तेज़ किया जाएगा। इसके साथ ही जनता को चेताया गया है कि किसी भी ऑनलाइन लोन, जॉब ऑफर, ओटीपी या बैंक सम्बंधित लालच में पड़ना भारी पड़ सकता है। फर्जीवाड़े के ये नेटवर्क सिर्फ एक क्लिक से करोड़ों का नुकसान करा सकते हैं, और आपकी पहचान उनकी पहली सीढ़ी बन सकती है।