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एक साथ जली परिवार की 4 चिताएं, पति-पत्नी और बेटों के शव देख बेसुध हो गए लोग

बाराबंकी में एक भीषण हादसा हो गया था। इस हादसे में 8 लोगों की जान चली गई। इनमें 4 लोग एक ही परिवार के थे और पूरा परिवार उजड़ गया। मंगलवार को जब एक ही परिवार के 4 लोगों की चिताएं एक साथ जलीं तो सभी की आंखे नम हो गई।

बाराबंकी में एक साथ जलीं तीन चिताएं, PC- X

बाराबंकी : बाराबंकी में हुए हादसे में 8 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। इनमें से 4 लोग एक ही परिवार के थे। हादसा सोमवार रात में हुआ था। मंगलवार को जब 4 चिताएं एक साथ जलीं तो लोगों की आंखों से आंसू आ गए। प्रदीप रस्तोगी का पूरा परिवार ही खत्म हो गया।

मृतकों में फतेहपुर कस्बे के प्रसिद्ध ज्वेलर प्रदीप रस्तोगी, उनकी पत्नी, दोनों बेटे और ड्राइवर शामिल हैं। हादसा इतना भयानक था कि कार 14 फीट लंबी होने के बावजूद सिमटकर महज 7 फीट की रह गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि टक्कर के दौरान बम फटने जैसा धमाका हुआ, जिससे आसपास के लोग दहशत में सिहर उठे।

गंगा स्नान कर बिठूर से लौट रहे थे

दुर्घटना देवा रोड पर कुतलूपुर गांव के पास सोमवार रात करीब 11 बजे हुई। मृतक प्रदीप रस्तोगी (60) अपने परिवार के साथ कानपुर के बिठूर घाट से गंगा स्नान करके फतेहपुर लौट रहे थे। उनकी अर्टिगा कार में कुल 8 लोग सवार थे। अचानक सामने से तेज रफ्तार ट्रक की चपेट में आ गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रक चालक की लापरवाही से गाड़ी अनियंत्रित हो गई और दोनों वाहन जोरदार टक्कर में आपस में उलझ गए।

इन लोगों की हादसे में हुई मौत

मरने वालों में प्रदीप रस्तोगी (60), उनकी पत्नी माधुरी (55), बड़े बेटे नितिन (35), छोटे बेटे नैमिष उर्फ कृष्णा (15), ड्राइवर श्रीकांत शुक्ला (50) शामिल हैं। इसके अलावा, कार में सवार बालाजी मिश्रा (55) और उनके बेटे विष्णु (15) भी हादसे का शिकार हो गए। शेष दो—इंद्र कुमार (50) और विष्णु (15)—गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इन्हें जिला अस्पताल से लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया, लेकिन मंगलवार सुबह इलाज के दौरान दोनों ने दम तोड़ दिया।

छोटे भाई के बेटे ने दी मुखाग्नि

प्रदीप रस्तोगी फतेहपुर कस्बे के मोहल्ला मुंशीगंज में 'गौरी ज्वेलर्स' नामक दुकान चलाते थे। हादसे ने उनके पूरे परिवार को लील लिया, जिससे घर में कोहराम मच गया। शवों को पोस्टमॉर्टम के बाद मुंशीगंज लाया गया, तो महिलाओं की चीख-पुकार से इलाका गूंज उठा। कई लोग सदमे से बेसुध हो गए। थोड़ी देर बाद शवों को श्मशान घाट ले जाया गया, जहां चार चिताओं पर अंतिम संस्कार किया गया। प्रदीप के छोटे भाइयों के परिवार ने चारों शवों को मुखाग्नि दी।

ट्रक की स्पीड थी बहुत ज्यादा

मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने बताया, 'ट्रक की रफ्तार इतनी तेज थी कि कार का ड्राइवर कुछ कर ही न पाया। टक्कर के वक्त धमाका-सा हुआ, मानो कोई बम फटा हो। आवाज इतनी तेज थी कि दूर तक लोग दौड़ पड़े।' हादसे में 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो ने अस्पताल में तड़प-तड़पकर दम तोड़ा। घटनास्थल पर भीड़ जुट गई। स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस ने आधे घंटे की मशक्कत के बाद शवों को बाहर निकाला।