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Rajasthan : राजस्थान में मकान बनाना हुआ सस्ता, पर बांसवाड़ा के मार्बल उद्यमी हैं मायूस, जानें क्यों?

Rajasthan : राजस्थान में मकान बनाना सस्ता हो गया है। भवन निर्माण में प्रयोग होने वाली कई सामाग्रियों पर जीएसटी कम हो गया है। जिस वजह से रेट में कमी आई है। पर बांसवाड़ा में मार्बल उद्यमी मायूस हैं, जानें उनकी परेशानी।

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Rajasthan house Building has become cheaper but Banswara marble entrepreneurs disappointed know why

फोटो पत्रिका

Rajasthan : राजस्थान में मकान बनाना थोड़ा सस्ता हो गया है। भवन निर्माण में प्रयोग होने वाली कई सामाग्रियों पर जीएसटी कम हो गई है। जिस वजह से रेट में कमी आई है। सीमेंट पर जीएसटी कम होने की वजह से अब घर बनाने में थोड़ी मदद मिलेगी, लेकिन उत्पादक होने के बावजूद बांसवाड़ा में लोगों को मार्बल की खरीद पर कोई राहत के आसार नहीं दिख रहे। यह तथ्य घरेलू उपयोग की सैकड़ों चीजों से जीएसटी टै€क्स घटाने पर आए बदलावों को लेकर हुई चर्चा पर मार्बल उद्यमियों से सामने आए हैं।

दरअसल, जीएसटी रिफॉर्म में मार्बल Žब्लॉक पर 12 फीसदी से टैक्स घटाकर 5 फीसदी किया गया है, लेकिन स्लैब और प्रोसेस्ड-अनप्रोसेस्ड माल पर 18 फीसदी ही है। इससे जिले में मार्बल कारोबार और खरीदार किसी पर इसका असर नहीं पड़ेगा। गौरतलब है कि सीमेंट पर जीएसटी घटने से अब प्रति बैग 30 से 40 रुपए सस्ती हो गई हैं। इससे भवन निर्माण में हजारों की बचत होगी।

500 करोड़ का है बांसवाड़ा का मार्बल कारोबार

बांसवाड़ा की करीब 50 खदानों से मार्बल ब्लॉक निकासी और करीब 40 प्रोसेसिंग इकाइयों के कारोबार का सालाना करीब पांच सौ करोड़ का टर्नओवर है। ऐसे में 12 फीसदी की टैक्स स्लैब खत्म करने पर जीएसटी काउंसिल ने मार्बल Žब्लॉक को 5 फीसदी स्लैब में भले ही ले लिया, लेकिन प्रोसेस्ड माल पर 18 फीसदी की दर रखने से मार्बल सस्ता नहीं हुआ है। जिससे आम लोगों को भवन निर्माण में मदद नहीं मिल सकेगी।

इनका कहना है…

जीएसटी रिफॉर्म का मार्बल उद्योग पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। 12 फीसदी टैक्स स्लैब से Žब्लॉक भले ही 5 फीसदी की स्लैब में ले ली गई, लेकिन प्रोसेसिंग महंगी है और उस पर टैक्स 18 फीसदी ही है। इससे न खरीदारों को कोई लाभ मिलेगा, वहीं उठाव में अंतर नहीं आने से कारोबार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। मनोज अग्रवाल, अध्यक्ष मार्बल एसोसिएशन बांसवाड़ा

टाइल्स में रुझान ज्यादा

मार्बल कारोबारियों के अनुसार घरों में मार्बल लगाना टाइल्स के मुकाबले महंगा पड़ता है। पॉलिश्ड ग्रेनाइट के साथ रफ मार्बल हो या पॉलिश्ड, जीएसटी की दर 18 फीसदी ही है। हालांकि मार्बल की उम्र अधिक होती है, लेकिन टाइल्स पर खर्च कम आने से मध्यमवर्गीय परिवार इसे ही तरजीह देते हैं।

हैंडिक्राफ्ट उद्योग में राहत पर मार्बल का उठाव कम

कुछ उद्यमियों का दावा है कि ŽŽब्लॉक पर जीएसटी की कमी से हैंडिक्राफ्ट उद्योग में राहत मिलेगी, लेकिन इससे बड़ा फर्क पड़ने के आसार नहीं है। प्रदेशभर में मार्बल हैंडिक्राफ्ट का कारोबारी पांच-सात फीसदी भी नहीं है। कारोबार का बड़ा हिस्सा प्रोसेस्ड माल का ही है। उस पर टैक्स यथावत रहने से कारोबार पर कोई अनुकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।


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