बांसवाड़ा। विभिन्न राज्यों में टेलीग्राम एवं वॉट्सएप से संपर्क कर शातिर बदमाशों ने ऑनलाइन ट्रैडिंग एवं निवेश का झांसा देकर करोड़ों की ठगी कर बांसवाड़ा के दो लोगों के बैंक खातों से करीब तीन करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन किया। साइबर थाना पुलिस ने दोनों आरोपियों को नामजद कर लिया है।
गत मई में महानिदेशक पुलिस, साइबर क्राइम ने संदिग्ध बैंक खातों की सूचियां जिलों को जांच के लिए भेजी थी। पुलिस अधीक्षक ने 4 जून को जांच व प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए। अनुपालना में इक्वीटास बैंक के एक खाते की पड़ताल में हैड कांस्टेबल जयप्रभा शर्मा ने 2 करोड़ 33 लाख 57 हजार रुपए तो दूसरे में एएसआई अशोककुमार ने 91 लाख 79 हजार रुपए के ट्रांजेक्शन होना पाया।
अजय जनार्दन होले नाम के शख्स के साथ 24 लाख 84 हजार 675 रुपए की साइबर ठगी पर पुलिस थाना समरथ पूणे, महाराष्ट्र में 9 सितंबर को शिकायत हुई थी। ठगी के 10 लाख 200 रुपए बांसवाड़ा के खाताधारक भरतसिंह के खाते में 7 सितंबर, 2024 को जमा हुए। फरवरी, 2025 में निशांत मनसुखलाल सोलंकी के साथ 5 लाख 98 हजार 600 रुपए की साइबर ठगी का साइबर थाना दादरा नगर हवेली एं दमन-दीव में मामला आया, जिसके ट्रांजेक्शन का एक लाख 132 रुपए भरतसिंह के खाते में 21 अगस्त, 2024 को जमा हुए।
इस साल जनवरी में साइबर थाना हैदराबाद, तेलंगाना में दर्ज दो प्रकरणों में सुभीत नाम के शख्स के साथ 16 लाख 57 हजार 980 रुपए और दूसरे परिवादी रघुनंदन के साथ हुई 98 लाख 51 हजार 170 रुपए की साइबर ठगी के मामलों में 1 लाख 132 रुपए अगस्त, 2024 में भरतसिंह के इक्विटास बैंक शाखा, बांसवाड़ा में जमा हुए। बैंक खाते के स्टेटमेंट के अनुसार 10 अगस्त, 2020 से 9 जून, 2025 के बीच इस खाते में ऑनलाइन 2 करोड़ 33 लाख 57 हजार 419 रुपए जमा और 2 करोड़ 33 लाख 57 हजार 35 रुपए ऑनलाइन विड्रॉल किए गए।
हुसैनी चौक निवासी इमरान खान के यूको बैंक के खाते में 1 अगस्त, 2023 से 29 सितंबर, 2025 तक दस लोगों से हुई ठगी के 91 लाख 79 हजार रुपए डाले गए और इतनी ही राशि की निकासी हुई। इन प्रकरणों में कर्नाटक के बैंगलुरु, वाराणसी, यूपी के जौनपुर, कर्नाटक के हुबली धारवाड़, वृहद् मुंबई और नवी मुंबई, झारखंड में रांची के कुल दस जने ठगी के शिकार हुए थे।
ऑनलाइन ठगी में मोबाइल और बैंक खातों का इस्तेमाल हुआ। 14 जनों से ठगा गया पैसा बांसवाड़ा के दो लोगों के खातों में जमा हुआ। इनके खिलाफ बीएनएस और आइटी एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किए हैं। सिमें किसकी थी, यह पता किया जा रहा है।
गोविंदसिंह, अनुसंधान अधिकारी व डीएसपी, साइबर थाना, बांसवाड़ा
Published on:
01 Oct 2025 02:29 pm