
सरकार Karnataka Government ने फर्जी चिकित्सकों Fake Doctors और बिना पंजीकरण वाले निजी चिकित्सा संस्थानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। विशेष टास्क फोर्स को फर्जी चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई, निरीक्षण और अभियोजन की जिम्मेदारी दी गई है।
1962 के कर्नाटक मेडिकल अधिनियम और 2007 के निजी चिकित्सा संस्थान अधिनियम के तहत उल्लंघन करने वालों पर 25,000 से 5 लाख रुपए तक जुर्माना और एक से तीन वर्ष की जेल हो सकती है।
स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडूराव ने गुरुवार को कहा कि अवैध अस्पतालों को तत्काल बंद किया जा सकता है और बायोमेडिकल वेस्ट नियमों का उल्लंघन करने पर पांच से सात वर्ष तक जेल और जुर्माना लगाया जा सकता है।
सरकार ने मरीजों की सुरक्षा Patient Safety और चिकित्सा गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए यह अभियान शुरू किया है।1962 के अधिनियम के अनुसार, केवल वही व्यक्ति चिकित्सा, शल्य चिकित्सा या दाई कार्य (मिडवाइफरी) कर सकते हैं, जो कर्नाटक मेडिकल रजिस्ट्रेशन अधिनियम, 1961, कर्नाटक होम्योपैथिक प्रैक्टिशनर्स अधिनियम, 1961 या भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम, 1955 के तहत पंजीकृत हैं।
Published on:
14 Nov 2025 11:02 pm

