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ब्लूबर्ड पहुंचा भारत, एलवीएम-3 से प्रक्षेपण की तैयारी

मोबाइल फोन को सीधे इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए किया गया है डिजाइन

अमरीकी कंपनी एएसटी स्पेसमोबाइल का उपग्रह ब्लूबर्ड-6 प्रक्षेपण के लिए भारत पहुंच गया है। न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एन-सिल) के साथ हुए वाणिज्यिक करार के तहत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने अत्याधुनिक प्रक्षेपणयान एलवीएम-3 से इसका प्रक्षेपण करेगा।
दुनिया के सबसे बड़े विमानों में से एक एंटोनोव कार्गो से लगभग 6500 किग्रा वजनी उपग्रह चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा, जहां से उसे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के लिए रवाना कर दिया गया। इस उपग्रह का प्रक्षेपण इसी साल दिसंबर अथवा जनवरी 2026 में होने की उम्मीद है। यह उपग्रह मोबाइल फोन को सीधे इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। इससे पहले भी इसरो ब्लूबर्ड समूह के उपग्रहों को लांच कर चुका है। ब्लूबर्ड-6 उपग्रह को पृथ्वी की लगभग 550 किमी वाली कक्षा में स्थापित किया जाएगा। दरअसल, अमरीकी कंपनी ऐसे उपग्रहों का बेड़ा तैयार कर रही है, जो सीधे मोबाइल फोन को इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान कर सके।

विशाल एंटीना वाले निसार उपग्रह से जल्द आंकड़े मिलने की उम्मीद

पृथ्वी की कक्षा में नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर राडार (निसार) उपग्रह की तैनाती के बाद, एक दूसरे उपग्रह ने उसकी तस्वीर ली। इस तस्वीर में उपग्रह का 12 मीटर व्यास वाला विशाल गोलाकार एंटीना खुल चुका है और वह धरती की कक्षा में चक्कर लगा रहा है। निसार उपग्रह का एंटीना, किसी उपग्रह पर लगाया गया दुनिया का सबसे बड़ा एंटीना है। यह तस्वीर वैंटोर ने ली है, जिसे पहले मैक्सार टेक्नोलॉजीज के नाम से जाना जाता था। दोहरी राडार प्रणाली वाले विश्व के पहले और सबसे महंगे उपग्रह निसार का विकास लगभग 1.5 अरब डॉलर की लागत से किया गया और इसे 30 जुलाई 2025 को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया। हाल ही में निसार उपग्रह की ली गई पहली तस्वीर सामने आई थी, जो माउंट डेजर्ट द्वीप और नॉर्थ डकोटा वेटलैंड्स की थी। निसार मिशन को ऑपरेशनल करने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और उम्मीद है कि नवंबर महीने से इसके आंकड़े मिलने लगेंगे।