
Old age woman Manbasiya (Photo- Patrika)
रामानुजगंज। झारखंड के ग्राम बरदरी की 85 वर्षीय बुजुर्ग महिला मनबसिया (Old age mother story) आज पूरे इलाके के लिए हिम्मत और जज़्बे की जीवंत मिसाल बन चुकी हैं। इस उम्र में जहां अधिकांश लोग बिस्तर का सहारा ले लेते हैं, वहीं यह वृद्धा हर दिन जीवन से जूझते हुए नया साहस लेकर आगे बढ़ती हैं। वर्षों तक बलरामपुर जिले के रामानुजगंज में भीख मांगकर गुज़ारा किया। लेकिन पिछले 5 वर्षों से उसकी सेहत लगातार बिगड़ती चली गई। कमर पूरी तरह झुक चुकी है, शरीर बेहद कमजोर और चलने-फिरने के लिए एक पुरानी लकड़ी का सहारा। इसके बावजूद मेहनत से मुंह नहीं मोड़ा। वह मानसिक रूप से कमजोर बेटे का सहारा बनी हुई है।
एक मां (Old age mother story) ही होती है जो अपने बेटे के लिए कुछ भी कर गुजरती है। इस उम्र में भी मनबसिया रोज सुबह खेतों और गांव की गलियों में निकल पड़ती हैं। करेला, बथुआ साग और मौसमी सब्जियां तोडक़र करीब 8-10 किलो वजन सिर पर लादती है।
झुकी कमर, कांपते कदम (Old age mother story) और थकान से भरा शरीर, फिर भी वह टोकरी उठाए बाज़ार तक पहुंच ही जाती है। उसे देखकर लोग दंग रह जाते हैं। लोग कहते हैं कि इतनी उम्र में इतना जज़्बा आखिर कहां से आता है?
वृद्ध महिला (Old age mother story) का 40 वर्षीय पुत्र शिवपूजन मानसिक रूप से कमजोर है। वह पूरी तरह अपनी मां पर ही निर्भर है। वृद्ध मां ही उसके लिए भोजन बनाती हैं, दवाइयों का इंतज़ाम करती है और अपनी हर थकान भुलाकर दिन-रात उसकी देखभाल करती है।
वृद्ध महिला (Old age mother story) का यह संघर्ष ही उन्हें असाधारण बनाता है। 85 वर्ष की आयु में भी वह हर युवा को यह सिखा रही हैं कि कठिनाइयां चाहे जितनी बड़ी हों, इंसान का हौसला अगर न टूटे तो जीवन हमेशा आगे बढऩे का रास्ता दे ही देता है।
Updated on:
21 Nov 2025 10:22 am
Published on:
20 Nov 2025 07:01 pm
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