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अधूरे मिनी स्टेडियम को अप्रारंभ कार्यों की सूची में डाला, डेढ़ साल से काम बंद

शासन ग्रामीण क्षेत्रों में भी खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के बड़े-बड़े दावे करता है, लेकिन जगन्नाथपुर में मिनी स्टेडियम का निर्माण 50 प्रतिशत पूरा होने के बाद बंद करा दिया गया है। यह कार्य डेढ़ साल से बंद है।

शासन ग्रामीण क्षेत्रों में भी खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के बड़े-बड़े दावे करता है, लेकिन जगन्नाथपुर में मिनी स्टेडियम का निर्माण 50 प्रतिशत पूरा होने के बाद बंद करा दिया गया है। यह कार्य डेढ़ साल से बंद है।

शासन ग्रामीण क्षेत्रों में भी खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के बड़े-बड़े दावे करता है, लेकिन जगन्नाथपुर में मिनी स्टेडियम का निर्माण 50 प्रतिशत पूरा होने के बाद बंद करा दिया गया है। यह कार्य डेढ़ साल से बंद है। अब यह मैदान खेलने लायक भी नहीं रहा। आरईएस विभाग के अधिकारी जीएस मारकंडे ने बताया कि कार्य शासन स्तर से रुका हुआ है। विभागीय कार्यालय में जाने के बाद जानकारी मिली कि शासन स्तर से ही इस कार्य को निरस्त कर दिया गया है।

31 लाख से होना था निर्माण कार्य

मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना के तहत ग्राम पंचायत जगन्नाथपुर में गौठान के बगल में मिनी स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा था। इसके लिए 31 लाख 16 हजार रुपए की स्वीकृति मिली थी। स्टेडियम का निर्माण 3 मई 2024 तक पूरा हो जाना था। विधानसभा चुनाव के बाद शासन से एक पत्र आया था, जिसमें अप्रारंभ कार्यों की स्वीकृति निरस्त करने का उल्लेख था।

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कार्य को अप्रारंभ कार्यों की सूची में शामिल कर दिया

जानकारी मिल रही है जगन्नाथपुर में मिनी स्टेडियम का कार्य प्रारंभ हो चुका था। उसे अप्रारंभ कार्यों के सूची में शामिल कर दिया था जबकि ऐसा नहीं किया जाना था। आरईएस विभाग के अधिकारी ने कहा कि शासन के आगामी आदेश के अनुसार कार्य किया जाएगा।

ठेकेदार ने कहा-अचानक बंद कराया काम

ठेकेदार भोपेंद्र देशमुख ने बताया कि आरईएस यानी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग के तहत 31 लाख 61 हजार रुपए का स्वीकृत हुई थी। साथ ही मनरेगा के तहत भी कार्य होने थे। 40 से 50 प्रतिशत काम पूरा भी कर चुका था। 21 लाख का बिल भुगतान भी हो चुका है। कार्य प्रारंभ स्थिति में ही था। लगभग आधा काम बचा था। विधानसभा चुनाव के बाद ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग बालोद के अधिकारियों ने बताया कि शासन से पत्र आया है, जिसमें कार्य निरस्त बताया जा रहा है। कार्य को अप्रारंभ स्थिति में मान लिया गया है। मैंने कहा कि काम तो पहले से शुरू हो चुका है तो अप्रारंभ कैसे हो सकता है। हालांकि आगे इस काम को कैसे करना है। अभी तक कोई जवाब विभाग से नहीं आया है।

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खेल मैदान को बनाना जरूरी

जगन्नाथपुर के पूर्व सरपंच अरुण साहू ने कहा कि जब मैं सरपंच था, तब शासन से ही काम निरस्त हो गया। जिसे वापस लाने के लिए हम प्रयास कर रहे हैं। खिलाडिय़ों के लिए खेल मैदान बहुत जरूरी है। वर्तमान में मैदान खेलने लायक स्थिति में नहीं हैं। गांव के खिलाडिय़ों ने कहा कि गांव में एक अच्छा खेल मैदान मिलेगा तो प्रतिभाओं को निखारने का मौका मिलेगा।