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Rainwater harvesting : बारिश का पानी सहेजने पालिका और लोग गंभीर नहीं

लोग बारिश का पानी सहेजने में गंभीरता नहींं दिखा रहे हैं। नए मकान बनाने वालों से पालिका टैक्स वसूल रही है, लेकिन टैक्स पटाने के बाद भी कितने लोगों ने रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया, इस पर पालिका ने कभी गौर नहींं किया।

लोग बारिश का पानी सहेजने में गंभीरता नहींं दिखा रहे हैं। नए मकान बनाने वालों से पालिका टैक्स वसूल रही है, लेकिन टैक्स पटाने के बाद भी कितने लोगों ने रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया, इस पर पालिका ने कभी गौर नहींं किया।

बालोद जिला मुख्यालय में लगभग 8-9 हजार मकान है। इसमें से एक प्रतिशत लोग भी बारिश का पानी सहेजने में गंभीरता नहींं दिखा रहे हैं। नए मकान बनाने वालों से पालिका टैक्स वसूल रही है, लेकिन टैक्स पटाने के बाद भी कितने लोगों ने रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया, इस पर पालिका ने कभी गौर नहींं किया। लापरवाही की हद तब हो गई, जब पालिका कार्यालय में ही वाटर हार्वेस्टिंग का सिस्टम फेल है।

भूमिगत जलस्तर को बढ़ाने की मुहिम ठंडे बस्ते में

बरसात में शहर के कितने लोगों ने पानी इक_ा किया। इसके बारे में पालिका के किसी भी अधिकारी को पता तक नहींं है। न किसी तरह की प्लानिंग की गई और न ही किसी कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई। इससे बारिश के पानी को हार्वेस्टिंग सिस्टम से जमीन तक पहुंचाकर भूमिगत जलस्तर को बढ़ाने की मुहिम ठंडे बस्ते में चली गई है। इसी का नतीजा है कि भूमिगत जलस्तर में कुछ सालों से गिरावट आ रही है। जिसका खामियाजा गर्मी में भुगतना पड़ता है। शहर में जनवरी-फरवरी से ही पानी की समस्या शुरू हो जाती है। लोगों का कहना है कि रैन वाटर हार्वेस्टिंग को बनवाने में कम से कम 15 से 20 हजार रुपए खर्च आता है। इसके कारण लोग परहेज कर रहे हैं। इसकी जानकारी अधिकारियों को भी है, बावजूद वे गंभीर नहींं है।

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मकान मालिक परहेज करे तो पालिका को बनाना है सिस्टम

लोग जब भवन बनाने पालिका से परमिशन लेते हैं तो 15 हजार रुपए वाटर हार्वेस्टिंग के लिए भी जमा करना होता है। इसके बाद पालिका को सर्वे करना होता है कि वाटर हार्वेस्टिंग लगा रहे हैं या नहींं। मकान मालिक सिस्टम नहींं बनवाते हैं तो पालिका को 15 हजार की अमानत राशि से वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनवाना होता है। पिछले कई सालों से नगरपालिका ने कितनी कार्रवाई की और कितना सिस्टम लगवाया आंकड़ा नहींं है। बालोद शहर में लगभग 38 लोगों ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए राशि जमा की है, लेकिन कितने ने बनाना शुरू किया, यह जानकारी नहींं हैं। जल बचाने रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम जरूरी है।

मकान परमिशन लेने के बाद भी तौबा

पालिका में भवन अनुज्ञा देने के लिए प्रति व्यक्ति से 55 से 60 रुपए प्रति स्क्वेयर फीट के हिसाब से राशि ली जाती है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर लगातार मिल रही शिकायतों के बाद नए भवनों का अनुज्ञा प्रमाण पत्र देते समय राशि ली जाती है। जनवरी से अब तक नगर पालिका से मकान बनाने के लिए 65 लोगों ने परमिशन ली है। पालिका के अफसरों का कहना है कि परमिशन लेने वाले सिस्टम बनवा रहे हैं, लेकिन वास्तव में ऐसा नहींं है।

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रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने लोगों को कर रहें प्रेरित

नगर पालिका बालोद के सीएमओ मोबिन अली ने कहा कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। इसकी मॉनिटरिंग की जाती है। जिससे भविष्य में पानी की किल्लत न हो।

कलेक्ट्रेट परिसर में बनाया रेनवाटर हार्वेटिंग सिस्टम

जिला प्रशासन रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने लोगों को जागरूकर कर रहा है। बीते माह ही कलेक्ट्रेट में नया रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया गया। जिले के कई विभागों में सिस्टम ही नहींं बना हैं, जबकि शासकीय कार्यालयों में अनिवार्य किया गया है।