Higher Education : बालोद जिले में उच्च शिक्षा की स्थिति दयनीय है। छत्तीसगढ़ राज्य बने 25 साल हो गए। प्रदेश में चार मुख्यमंत्री बनने के बाद भी जिले में उच्च शिक्षा व्यवस्था सुधर नहीं पाई है। शासन-प्रशासन व जनप्रतिनिधि भी जिले के लीड कॉलेज शासकीय घनश्याम सिंह गुप्त महाविद्यालय से लगातार मुंह मोड़ रहे हैं। लीड कॉलेज में प्राध्यापकों के रिक्त पदों की पूर्ति आज तक नहीं हो पाई है। पढ़ाई संविदा और अतिथि प्रोफेसर के भरोसे चल रही है। मैनपावर की भी कमी है। सबसे बड़ी बात यह है कि ढाई वर्षों से यहां नियमित प्राचार्य भी नहीं है। प्रभारी प्राचार्य के भरोसे ही कॉलेज का संचालन हो रहा है।
कॉलेज प्रबंधन के मुताबिक कॉलेज में पढ़ाई 25 अतिथि व्याख्याताओं के भरोसे चल रही है। यहां तो प्राध्यापक के स्वीकृत 8 पदों में एक भी प्राध्यापक नहीं हैं। सहायक प्राध्यापकों के कुल 41 पद स्वीकृत हैं, लेकिन मात्र 25 पद पर सहायक प्राध्यापक हैं। इसी तरह प्रयोग शाला परिचारक के 9 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से 8 पद रिक्त है।
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यह कॉलेज जिले के 13 शासकीय और 5 निजी कॉलेज का लीड कॉलेज है। स्टाफ की कमी के कारण कॉलेज में पढ़ाई के अलावा अन्य कामों का भी हमेशा दबाव रहता है। शासन की ओर से साल में दोबार हर छह महीने में प्रदेशभर के कॉलेजों की जानकारी मंगाई जाती है कि क्या-क्या समस्या है। इसके बाद भी कोई कदम नहीं उठाया जाता है।
कॉलेज खुलने के बाद छात्र संगठनों की ओर से प्राध्यापकों की भर्ती एवं विभिन्न समस्याओं के निराकरण के लिए आंदोलन किया जाता है। लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकलता। हर बार आश्वासन देकर छात्र संगठनों को शांत कर दिया जाता है।
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विधि कॉलेज के विद्यार्थी देवेंद्र साहू ने बताया कि जिले के लीड कॉलेज में बहुत अव्यवस्था है। आज तक शासन नियमित प्राध्यापकों की भर्ती नहीं करा पाया है। जल्द नियमित प्राध्यापकों की भर्ती नहीं होगी तो उग्र आंदोलन करेंगे।
शासकीय घनश्याम सिंह गुप्त महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य जेके खलको ने कहा कि लीड कॉलेज में रिक्त पदों की भर्ती के लिए हर साल शासन को पत्र लिखा जाता है। इस बार भी स्थिति से अवगत कराया गया है शासन स्तर पर ही भर्ती के बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।
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Updated on:
16 Sept 2025 11:13 pm
Published on:
16 Sept 2025 11:12 pm