Traffic Rules : लापरवाह वाहन चालकों की एक अक्टूबर से खैर नहीं रहेगी। यातायात नियमों के उल्लंघन पर ई -चालान घर तक पहुंचेगा। ई चालान सिस्टम बालोद में भी शुरू हो जाएगा। झलमला से लेकर बालोद शहर तक कुल 30 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। कैमरा लगाने का काम भी लगभग पूरा हो चुका है। सुरक्षा व अपराधियों को पकडऩे के साथ लापरवाह वाहन चालकों की भी निगरानी की जाएगी। पुलिस विभाग के इस कार्य के लिए लगभग 25 लाख रुपए की मंजूरी मिली है। हाईटेक कार्यप्रणाली से लापरवाह वाहन चालकों में हड़कंप है। पुलिस विभाग को उम्मीद है कि इस पहल से दुर्घटनाओं में जरूर कमी आएगी।
इन सभी सीसीटीवी कैमरों की निगरानी के लिए कंट्रोल रूम भी बनाया गया हैं, जहां से कैमरों से वाहनों को देखकर ई-चालान किया जाएगा। यह पता चल जाएगा आखिर शहर के अंदर कितने वाहनों ने प्रवेश किया और कितने वाहन शहर से होते हुए बाहर गए।
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वर्तमान में सीसीटीवी कैमरे शहर के प्रवेश द्वार पर लगाए गए हैं। ग्राम झलमला में भी कैमरे लगाए गए हैं। एक परसोदा मोड़, घोठिया चौक के पास लगाया गया है। शहर में रेलवे फाटक के पास व शहर के विभिन्न जगहों में और कैमरे लगाए जाएंगे।
ई -चालान प्रक्रिया का तेज और पारदर्शी होना, मानवीय त्रुटियों में कमी, ऑनलाइन भुगतान की सुविधा, समय और प्रयास की बचत, बेहतर रिकॉर्ड कीपिंग, इससे चालान प्रक्रिया में और पारदर्शिता आती है। नागरिक आसानी से जानकारी सत्यापित कर सकते हैं और अपना जुर्माना घर बैठे चुका सकते हैं।
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सुविधाजनक भुगतान: आप किसी भी समय और किसी भी स्थान से अपने ई-चालान का भुगतान ऑनलाइन कर सकते हैं, जिससे यातायात पुलिस कार्यालय जाने की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।
पारदर्शिता: सभी ई-चालान विवरण आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध होते हैं, जिससे प्रक्रिया पारदर्शी बनती है और नागरिक अपने रिकॉर्ड की जांच कर सकते हैं। ऑनलाइन भुगतान और डिजिटल रिकॉर्ड होने से धोखाधड़ी या डुप्लिकेट चालानों की संभावना कम हो जाती है। किसी लंबित ई-चालान के मामले में, वाहन से संबंधित अन्य लेनदेन (जैसे पंजीकरण या आरसी ट्रांसफर) अवरुद्ध किए जा सकते हैं, जिससे लोग जुर्माने का भुगतान करने के लिए प्रेरित होते हैं।
जिला मुख्यालय में 16 से अधिक सीसीटीवी कैमरे कुछ साल पहले लगाए गए थे। नेशनल हाइवे निर्माण शुरू हुआ तो केबल कट गया था। लगभग 6 साल से भी ज्यादा हो गए कैमरे बंद थे। अब कैमरों की जांच की जा रही है। सभी पुराने कैमरों की जांच कर ठीक कैमरों को शहर में लगाया जाएगा।
एसडीओपी देवांश सिंह राठौर ने बताया कि एक अक्टूबर से ई- चालान योजना शुरू हो जाएगी। बिना हेलमेट, तेज रफ्तार वाहन, बिना नंबर प्लेट वाहनों एवं सीट बेल्ट लगाए बिना वाहन चलाने वालों की स्क्रीनिंग हो जाएगी। गाड़ी नंबर के माध्यम व स्क्रीनिंग के माध्यम से वाहन चालकों की पहचान कर उनकी ई -चालान भेजा जाएगा।
यातायात प्रभारी रविशंकर पांडेय ने बताया कि एसपी के निर्देशन में जुलाई तक 14 हजार 610 वाहनों को पकड़ा और इनके खिलाफ 62 लाख 4 हजार 600 रुपए का चालानी कार्रवाई की। कार्रवाई भी जारी है। अगस्त व सितंबर के 23 दिनों का आंकड़ा जुड़ा नहीं हैं।
सबसे अधिक बिना हेलमेट व शराब पीकर वाहन चलाने वाले पकड़े गए। जिला प्रशासन ने बिना हेलमेट पेट्रोल व शराब नहीं देने का फरमान जारी किया है। सात माह में बिना हेलमेट के वाहन चलाने वाले 1370 चालकों पर 6 लाख 85 हजार 900 रुपए का चालान किया है। शराब के नशे में वाहन चलाने वाले 144 चालकों पर 4 लाख 35 हजार 700 रुपए का चालान किया है।
यातायात पुलिस ने ऐसे वाहन चालकों को भी पकड़ा है, जो मोटरव्हीकल एक्ट के किसी भी मानकों का पालन नहीं किया। उनका लाइसेंस निलंबन करने के लिए डीटीओ के पास प्रस्ताव भेजा गया। अब तक 63 वाहन चालकों का लाइसेंस निलंबित भी हो चुका है।
Published on:
23 Sept 2025 11:41 pm